Lockdown 2.0 Effect on Auto Industry: अब तक देश ने आज की तरह सुबह 10 बजने का इंतजार कभी नहीं किया होगा। पूरा देश पिछले 21 दिनों से कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन में बंद था, लोगों को उम्मीद थी कि आज शायद लॉक डाउन को लेकर प्रधानमंत्री की तरफ से इसे हटाए जाने की घोषणा की जाए। लेकिन प्रधानमंत्री ने देश के नागरिकों के स्वास्थय को प्राथमिकता की बात करते हुए इसे आगामी 3 मई तक बढ़ा दिया। पहले से ही स्लो डाउन से जूझ रहे देश के ऑटो सेक्टर के लिए यह अप्रैल महीना भी खासा मुश्किल भरा होगा।

तीन हफ्तों के बाद अगले 19 दिनों तक फिर से लॉक डाउन जारी रहेगा। बीता मार्च महीना भी ऑटो सेक्टर के लिए खासा नुकसानदेह रहा। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने बीते मार्च महीने के यात्री वाहनों की बिक्री का डाटा पेश किया था। इसके अनुसार बीते मार्च महीने में देश में केवल 1,43,014 यूनिट्स यात्री वाहनों की बिक्री हुई है। पिछले साल मार्च महीने में कुल 2,91,861 यूनिट्स पैसेंजर कारों की बिक्री हुई थी। यात्री वाहनों की बिक्री मार्च महीने में 51 प्रतिशत तक घट गई।

इसके अलावा बीते मार्च महीने में देश में केवल 13,027 कमर्शियल वाहनों की बिक्री हुई है जो कि पिछले साल के मार्च महीने के मुकाबले 88.95 प्रतिशत कम है। पिछले महीने में देश में 1,09,022 यूनिट्स व्यवसायिक वाहनों की बिक्री दर्ज की गई थी। कमर्शियल वाहनों की बिक्री में ये अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।

फैक्ट्री और डीलरिशप पर ताले: देश में जैसे ही कोराना वायरस ने दस्तक दी वाहन निर्माता कंपनियों ने कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने प्लांट को बंद करना शुरु कर दिया, जो कि अब तक जारी है। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, महिंद्रा, हुंडई, टोयोटा आदि सभी ने अपने प्लांटों में प्रोडक्शन बंद रखा है। वहीं डीलरिशप पर ताले लगे हुए हैं। अब तक डीलरशिप अपने खर्च का वहन कर रहे हैं, कर्मचारियों को सैलेरी दी जा रही है। लेकिन यह बोझ लगातार बढ़ता ही जा रही है।

लॉक डाउन के चलते सबसे बड़ी समस्या कैश फ्लो की देखने को मिल रही है। हाल ही में मारुति सुजुकी और होंडा मोटरसाइकिल स्कूटर इंडिया अपने डीलरिशप की मदद के लिए आगे आए हैं और उन्होनें क्रमश: 800 करोड़ रुपये और 1700 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है। इसके अलावा होंडा ने दिल्ली एनसीआर के कुछ इलाकों से अपने डीलरशिप से BS4 स्टॉक को भी वापस लेने की घोषणा की है।

पूरा अप्रैल महीना लॉक डाउन में खत्म होगा। न तो वाहनों की बिक्री हो रही है और न ही प्रोडक्शन। कुछ कंपनियों ने जैसे टाटा मोटर्स और हुंडई इत्यादि ने ऑन लाइन बिक्री का सहारा लिया है, लेकिन यह कितना कारगर साबित होगा यह तो वक्त ही बताएगा। यह अप्रैल महीना देश के ऑटो सेक्टर के लिए किसी बड़ी मुसीबत जैसा होगा। SIAM के आंकड़े के अनुसार हर रोज प्रोडक्शन टर्नओवर के ठप्प पड़ने के चलते इंडस्ट्री को 2,300 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।