देश में आय दिन सड़क दुर्घटना में हजारों लोगों की मौत हो जाती है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं, जो विश्व स्तर पर सबसे अधिक है। इसमें करीब 1.5 लाख लोग मारे जाते हैं और लगभग 3 लाख से ज्यादा लोग अपंग हो जाते हैं। फिलहाल सरकार ऐसे पीड़ितों के लिए जल्द कैशलैस इलाज करने की योजना बना रही है। जिसकी सीमा प्रत्यके व्यक्ति या मामले में 2.5 लाख रुपये रुपये रहेगी।
सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए बनाई जा रही इस कैशलैस योजना के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय एक मोटर वाहन दुर्घटना निधि की स्थापना करेगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि इस कैशलैस इलाज की योजना के लिए एक मोटर वाहन दुर्घटना कोष बनाया जाएगा। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के मजबूत आईटी प्लेटफॉर्म आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को इसे लागू करने के लिए उपयोग किया जाएगा।
भारतीय या विदेशी राष्ट्रीयता के सभी सड़क दुर्घटना पीड़ित लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसमें यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि बीमा कंपनियां सामान्य बीमा परिषद के माध्यम से सुनिश्चित वाहनों के लिए और हिट-एंड-रन-मामलों के लिए योगदान करें। वहीं ऐसे वाहन जिनका लाइसेंस नहीं होगा उनके लिए मंत्रालय दुर्घटनाओं का भुगतान करेगा। हालांकि बिना लाइसेंस वाले वाहन का मालिक मुआवजे के एक हिस्से के रूप में उपचार की लागत का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे।
बता दें, 36 में से 32 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में PMJAY लागू हो रहे हैं और यह योजना लगभग 13 करोड़ परिवारों को लाभ प्रदान करती है। इस योजना के तहत पीड़ितों को संचार के अनुसार देश के निकटतम उपयुक्त अस्पताल में कैशलेस ट्रॉमा देखभाल व उपचार की सुविधा प्रदान की जाएगी।