Hyundai Nexo Fuel Cell Car: देश के ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में नित नए प्रयोग हो रहे हैं। सामान्य ईंधन यानी की पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए कंपनियां तेजी से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और हाइब्रिड वर्जन की तरफ रूख कर रही हैं। लेकिन दक्षिण कोरिया की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी Hyundai की योजनाएं भारतीय बाजार को लेकर बिलकुल अलग दिख रही हैं। खबर है कि कंपनी देश में फ्यूल सेल कार लाने की रणनीति पर काम कर रही है, ये कार पेट्रोल और डीजल के बजाय हाइड्रोजन से चलेगी।
हालांकि अभी इस बारे में आधिकारिक तौर पर कोई घोषणा नहीं की गई है लेकिन यदि Hyundai भारत में फ्यूल सेल कार पेश करती है तो उसकी सबसे पहली कार Hyundai Nexo हो सकती है। जो कि ग्लोबल मार्केट में पहले से उपलब्ध है। भारत के लिए ये बिलकुल ही नया अनुभव होगा या फिर ये कहें कि मंदी के दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नए इन्फ्रास्ट्रक्चर की भी जरूरत होगी।
इस बारे में हुंडई मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक और चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) एस. एस. किम का कहना है कि, “हम भारत में फ्यूल सेल कारों पर अध्यन कर रहे हैं और हमारी कोशिश है कि हम जीरो इमिशन मोबिलिटी का समाधान जल्द से जल्द खोज सकें” फ्यूल सेल कारें न केवल खर्च को कम करती हैं बल्कि इनसे प्रदूषण भी न के बराबर होता है क्योंकि ये धुएं के बजाय पानी का उत्सर्जन करती हैं, और ये पानी भी प्योर डिस्टिल वाटर होता है यानी की इसका इस्तेमाल पीने में भी किया जा सकता है।
Hyundai Nexo में कंपनी ने परमानेट मैग्नेट मोटर का प्रयोग किया है जो कि 163 hp की पावर और 395 Nm का टॉर्क जेनेरेट करता है।
इसमें 1.56 kWh की क्षमता का बैटरी प्रयोग किया गया है। इसके अलावा इसमें पैडल शिफ्ट तकनीक का भी प्रयोग किया गया है। इसमें दिया गया रिजेनरेटिंग ब्रेकिंग कंट्रोल सिस्टम को भी शामिल किया गया है। कंपनी का दावा है कि ये कार हाइड्रोजन फ्यूल सेल इंजन से चलती है। जिसमें ऑक्सीजन और कम्प्रेस्ड हाड्रोजन के मिश्रण से उर्जा उत्पन्न होती है।
क्या होती है हाइड्रोजन कार: सामान्य तौर पर अब तक आपने पेट्रोल, डीजल या फिर इलेक्ट्रिक मोटर से ही चलने वाली कारों के बारे में सुना होगा। इसके पेट्रोल और डीजल का इंजन एक सामान्य मैकेनिज्म पर काम करता है जो कि दशकों से प्रयोग में लाया जा रहा है। वहीं इलेक्ट्रिक कारों में इलेक्ट्रिक मोटर के अलावा एक बैटरी पैक होता है जिसमें बैटरी की उर्जा से कार दौड़ती है। इसके अलावा हाइब्रिड कारें भी चलन में हैं जिसमें ईंधन और इलेक्ट्रिसिटी दोनों का प्रयोग किया जाता है।
लेकिन इन सबसे बिलकुल अलग होती है हाइड्रोजन कार। दरअसल इसमें हाइड्रोजन के दो टैंक होते हैं जिसमें एक हाइली कम्प्रेस्ड होता है और दूसरा लो कम्प्रेस्ड होता है। हाइड्रोजन गैस बहुत ही ज्वलनशील होता है इसलिए इसके टैंक और इसे स्थानांतरित करने वाले पाइप का मजबूत होना बेहद ही जरूरी होता है।
इस मैकेनिज्म में एक चैंबर होता है जिसमें दो अलग अलग पाइप लगे होते हैं। एक पाइप से हाइड्रोजन को उस चैंबर में भेजा जाता है वहीं दूसरे पाइप से ऑक्सीजन को उसी चेंबर में भेजा जाता है। इस दौरान इन दोनों के बीच कैमिकल रिएक्शन होता है जिससे उर्जा उत्पन्नी होती है। यही उर्जा कार के मोटर को संचालित करता है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान पानी यानी (H2O) का उत्सर्जन होता है। यानी कार धुंए के जगह पर पानी निकालती है।
फिलहाल इस प्रोजेक्ट को भारत में लाने के लिए कंपनी विचार और अध्यन कर रही है। लेकिन भारतीय ग्राहकों के लिए ये अभी ‘दिल्ली दूर है’ वाली जैसी हालत है। क्योंकि हमारे यहां इसके लिए नया इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होगा। इसके अलाव सामान्य फ्यूल पंप के साथ ही हाइड्रोजन पंप का भी निर्माण करना होगा।
बता दें कि, Toyota Mirai दुनिया की पहनी हाइड्रोजन फ्यूल सेल कार है जिसकी बिक्री कमर्शियली तौर पर वर्ष 2015 में शुरु की गई थी। इसके अलावा इस दिशा में होंडा और हुंडई जैसी कंपनियों ने भी तेजी से काम किया है। फिलहाल इस बारे में आधिकारिक तौर पर कोई भी जानकारी नहीं मिल सकी है कि Hyundai Nexo को भारत में कब लांच किया जाएगा।