Universal Smart Driving License: भारत सरकार जल्द ही पूरे देश में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मानकीकरण प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। यानी कि पूरे भारत में ड्राइविंग लाइसेंस का प्रारूप, फ़ॉन्ट और लेआउट एक जैसे ही होंगे, जैसे पासपोर्ट या पैन कार्ड के लिए प्रयोग किया जाता है। भारत के सभी राज्यों में सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTO) द्वारा यूनिवर्सल स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाएंगे।

यह पूरे देश में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए एक मानक प्रारूप है, इससे नकली और फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस को भी रोका जा सकेगा। वर्तमान में, विभिन्न राज्यों के आरटीओ द्वारा जारी किए गए ड्राइविंग लाइसेंस अलग अलग होते हैं। जिससे ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों और मोटर वाहन विभागों जैसे प्रवर्तन एजेंसियों के लिए नियमित जांच के दौरान उन्हें सत्यापित करना मुश्किल हो जाता है।

इसके अलावा, ड्राइविंग लाइसेंस की डुप्लीकेट कॉपी बनने का भी डर होता है, क्योंकि अभी तक देश भर में लाइसेंस डेटाबेस एक्टिवेट नहीं किया जा सका है। सरकार ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आधार-लिंकिंग को अनिवार्य बनाने की योजना बना रही है जिसके बाद फर्जी लाइसेंस पर भी नकेल कसी जा सकेगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने राज्य सभा में दिए गए एक जवाब में ड्राइविंग लाइसेंस के यूनिवर्सल फॉरमेट के बारे में बताया।

भारत सरकार ने मोटर वाहन संशोधन विधेयक को भी मंजूरी दे दी है जिसे अब इस बिल को केवल संसद के ऊपरी सदन (राज्य सभा) में पारित होना बाकी है। यह विधेयक में सरकार ने ट्रैफिक नियमों का उलंघन करने वालों के लिए कड़ा जुर्माना देने का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा इस संशोधन के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आधार-लिंकिंग को अनिवार्य बनाने की भी योजना बनाई गई है।