Fastag Frauds: भारतीय सरकार ने हाईवे पर टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी लाइन को कम करने के लिए इस साल के शुरुआत में फास्टैग स्टीकर की प्रक्रिया शुरू की थी। वैसे तो यह सुविधा आम लोगों को राहत देने और उनका समय बचाने के लिए की गई थी। लेकिन अब फास्टैग पर भी जालसाजों की नजर चली गई है, और इसके जरिए धोखाधड़ी शुरू हो चुकी है। बता दें, हाल ही में फास्टैग को रिचार्ज करने के नाम पर एक व्यक्ति से 75 हजार 481 रुपए की ठगी की गई है।

दरअसल यह मामला यूपी की राजधानी लखनऊ का है, मिली जानकारी के मुताबिक आरके पुरम के रहने वाले ऋषिपाल ने अपनी कार के फास्टैग रिचार्ज के लिए एसबीआई फास्टैग कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया। जिसके जवाब में उसके पास फास्टैग रिचार्ज के लिए एक अलग से कॉल आया। इस कॉल पर चोरों ने फास्टैग रीचार्ज करवाने के लिए एक लिंक भेजा और ग्राहक से उनकी जानकारी भरने के लिए कहा। जैसे ही उन्होंने जानकारी भरी उसके खाते से हजारों रुपये निकल लिए गए।

यह कहानी यहीं खत्म नहीं हुई फास्टैग के नाम पर इस तरह के कई केस सामने आ रहे हैं, आशियाना के देवीखेड़ा में रहने वाले एक अन्य व्यक्ति को भी इसका शिकार किया गया है। जिसमें उनके खाते से 1 लाख रुपये निकाल लिए गए। जिसके बाद पीड़ित ने साइबर क्राइम सेल से इसकी शिकायत की है।

कैसे करें बचाव: भारत में इस तरह की जालसाजी होना कोई बड़ी बात नहीं है, अक्सर लोगों के अकाउंट से पैसे धोखे से पैसे निकालने की खबरें आती रहती हैं। इसके लिए आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है, जैसे कभी भी आपके फोन पर आए कॉल के द्वारा फास्टैग का रिचार्ज ना करें। इसके बजाय हमेशा कस्टमर केयर पर खुद से कॉल करके रिचार्ज की सुविधा लें। दूसरी सबसे अहम चीज कभी भी अपने कार्ड का पिन या ओटीपी नंबर किसी से भी शेयर ना करें। इसके अलावा फोन मेंं हमेशा कॉल रिर्कोड का विकल्प रखें। इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए हमेशा रिचार्ज बैंक में जाकर या इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन ही करें।