Boycott China Product: भारत में हाल ही में प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की पहल शुरू की है। जिसमें चीन के बनाए हुए सामान को ना खरीदने की सलाह दी जा रही है। इस अ​भियान को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय ऑटोमोबाइल वाहन निर्माता कंपनियों से कहा है कि वे कम से कम चीन के बनाए हुए उपकरणों का आयात करें।

गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों में लगने वाले ज्यादात्तर पार्टस चीन से आयात किये जाते हैं, और चीन इस बात का फायदा उठाकर आयात होने वाले सामान की कीमत में बढ़ोत्तरी कर भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि चीन की कंपनियों पर निर्भरता को कम कर हमें इन पार्टस का भारत में ही निर्माण करना चाहिए। भारत के इलेक्ट्रिक वाहन रोडमैप पर उन्होंने बताया कि “मुझे लगता है कि यह समय है, जब हमें चीन पर से अपनी आत्मनिर्भर को कम करना चाहिए। मैं सीधे आपको बताना चाहता हूॅं।

उन्होंने आगे कहा कि भले ही वर्तमान में चीनी सामान की कीमतें कम हैं, और भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां वहां से आयात करके अच्छा मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन देश में ही स्थानीय स्तर पर हर चीज का उत्पादन हमें करना चाहिए। दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों की ब्रिकी लंबे समय से जारी है, वहीं भारत में अभी इसकी महज शुरुआत ही हुई है। वर्तमान में भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहन तो मौजूद हैं, हालांकि लोग चार्जिंग स्टेशन, बैटरी और भारी कीमत के कारण इनसे दूरी बनाए हुए हैं।

इस गति को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए वाहन निर्माताओं को रोड़ टैक्स से राहत दे दी है। बता दें, पैसेंजर व्हील पर एक्स शोरूम मूल्य का करीब 6 से 20 प्रतिशत रोड़ टैक्स लगाया जाता है।