Coronavirus Lock down Impact: भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार इस समय बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। सरकार के नियमानुसार आगामी 1 अप्रैल से देश में BS4 इंजन वाले वाहनों की न तो बिक्री की अनुमति होगी और न ही उनका रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा। डिलर्स अभी BS4 वाहनों के स्टॉक को क्लीयर करने में लगे ही थें कि दूसरी ओर से Coronavirus का कहर शुरु हो गया और देश 21 दिनों के लिए लॉक डाउन की जद में आ गया।
पूरे देश में इस लॉक डाउन के चलते तकरीबन 3,600 करोड़ रुपये के 6 से 8 लाख से ज्यादा BS4 वाहनों का स्टॉक डिलरिशप पर पड़ा हुआ है। ऐसे में यह सवाल जेहन में आना लाजमी है कि आखिर इन वाहनों का क्या होगा? जानकारों के अनुसार यह स्टॉक क्लीयर करने के लिए डिलरशिप को 15 दिन से ज्यादे का समय लगेगा। वहीं दूसरी ओर BS4 वाहनों की बिक्री की डेडलाइन में महज 6 दिन का ही समय बचा हुआ है।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डिलर्स एसोसिएशन (FADA) ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है ताकि, इस समय सीमा को बढ़ाकर मई महीने तक किया जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज कर दिया है। इतना ही नहीं, देश की प्रमुख दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी Hero MotoCorp ने भी सुप्रीम कोर्ट से समय सीमा में बढ़ोत्तरी की मांग की थी, ताकि BS4 वाहनों के स्टॉक को क्लीयर किया जा सके।
क्या होगा BS4 वाहनों का स्टॉक: अब ऐसे में जब देश में लॉक डाउन है जो कि आगामी 21 दिनों तक जारी रहेगा और दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट भी कोई राहत नहीं दे रही है तो इस दशा में इन वाहनों के स्टॉक के साथ क्या हो सकता है? जानकारों के अनुसार वाहन निर्माता कंपनियां इन वाहनों को रिकॉल कर सकती है और इन्हें ऐसे देशों में निर्यात कर सकती है जहां पर BS4 मानक का अनुपालन किया जा रहा है। अफ्रीका, नेपाल जैसे कुछ देश हैं जहां पर अब भी BS4 मानक वाले वाहनों की बिक्री की अनुमति है।
इसके अलावा वाहन निर्माता कंपनियां इन स्टॉक को रिकॉल कर के वापस स्पेयर्स के तौर पर प्रयोग में ला सकती हैं। लेकिन इस स्थिति में कंपनियों को भारी नुकसान हो सकता है। हालांकि, कोरोना वायरस के चलते तकरीबन सभी वाहन निर्माता कंपनियों ने अपने फैक्ट्रियों को बंद कर दिया है और अब प्रोडक्शन नहीं किया जा रहा है।

