कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देश भर में आगामी 30 जून तक के लिए लॉकडाउन लागू किया गया है। हाल ही में सरकार ने अलग अलग क्षेत्रों में ढील भी दी है, जिसके बाद वाहन निर्माता कंपनियों ने अपने डीलरशिप पर फिर से काम काज शुरु किया है। लेकिन बीते दो महीने के लॉकडाउन के चलते ऑटो सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है। आज फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने एक डाटा जारी किया है, जिसके अनुसार यात्री वाहनों के रजिस्ट्रेशन में 86.97 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है।
इस डाटा के अनुसार, दोपहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन में 88.8 प्रतिशत, तिपहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन में 96.34 प्रतिशत और कमर्शियल वाहनों के रजिस्ट्रेशन में कुल 96.63 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। सबसे कम ट्रैक्टरों के रजिस्ट्रेशनों में 75.58 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं कुल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की बात करें तो इसमें 88.87 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है।
इतना ही नहीं एसोसिएशन द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार जून के शुरुआती 10 दिनों में भी वाहनों का रजिस्ट्रेशन बेहद कम रहा है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आशीष हर्षराज काले ने मीडिया को दिए गए बयान में कहा है कि, इतिहास में पहली बार अप्रैल महीने में एक भी वाहनों की बिक्री नहीं हुई है। मई महीने में लॉकडाउन में मिली ढील के बाद डीलरशिप खुलने शुरू हुए हैं। मई महीने के अंत तक देश भर में 26,500 ऑउटलेट्स में से 60% शोरूम और 80% वर्कशॉप में ऑपरेशन शुरू हुआ है।
जून महीने के शुरुआती 10 दिनों में ज्यादातर डीलरशिप पर काम काज शुरू हो चुका है, लेकिन बावजूद इसके अभी भी बिजनेस पटरी पर नहीं लौटा है। ग्राहक अभी वाहनों की खरीदारी में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं। FADA ने अपने बयान में यह भी कहा है कि, एक व्यावसायिक समुदाय के रूप में कोई प्रत्यक्ष समर्थन नहीं मिल रहा है। डीलरशिप कम्यूनिटी को उम्मीद है कि उन्हें भी MSME सेक्टर के तौर पर पहचान मिलेगी, जिसके बाद वो भी सरकार से प्राप्त सहयोग का लाभ उठा सकेंगे।