भारत में अप्रैल 2020 से नए उत्सर्जन मानक लागू हो गए है, जिसके चलते अब अगर कोई भी वाहन इन नए बीस6 मानक के अनुरूप नहीं है, तो उसका आरटीओ में रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। हाल ही में मिली रिपोर्ट के मुताबिक एक बिजनेसमैन की मर्सिडीज-बेंज GLS SUV को आरटीओ ने सीज कर दिया है, क्योंकि यह कार आरटीओ में पंजीकृत नहीं थी।
बता दें, यह मामला बेंगलुरु का है। दरअसल, मालिक ने अस्थायी संख्या को एक परमानेंट पंजीकरण संख्या के रूप में बनाया और बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के गाड़ी चला रहा था। जिसे आरटीओ ने जब्त कर लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक इस एसयूवी को पिछले साल जून में 88 लाख रुपये की कीमत में खरीदा गया था। जिसके बाद उन्होंने अस्थायी पंजीकरण के रूप में KA-05-TMP-9861 नंबर प्राप्त किया। हालांकि, इस व्यापारी ने अस्थायी नंबर को ही स्थायी नंबर के रूप में उपयोग करना जारी रखा और कार का कभी रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया।
आरटीओ ने मालिक को कार के लिए जुर्माना और पंजीकरण राशि का भुगतान करने के लिए कहा है, जो कि करीब 20 लाख रुपये है। लेकिन अब नए मानकों के अनुरूप इस एसयूवी को पंजीकृत नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह एक बीएस 4 कार है। ए कानूनों के अनुसार बीएस 6 उत्सर्जन मानकों को पूरा नहीं करने वाले किसी भी निजी वाहन को पंजीकृत नहीं किया जा सकता है।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कर्नाटक राज्य में भारत में सबसे अधिक रोड़ टैक्स लिया जाता है, और ज्यादा टैक्स के कारण कई लोग अपनी कारों को दूसरे राज्यों से पंजीकृत कराने की कोशिश करते हैं। हालांकि, बिना पंजीकरण संख्या के वाहन चलाना गैरकानूनी है और इसे जब्त किया जा सकता है, जैसा कि हमने इस मामले में देखा है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए निर्देशनुसार 1 अप्रैल 2020 से भारत में केवल उन्हीं वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन हो सकेगा जिनमें BS6 मानक वाले इंजन का प्रयोग किया जाएगा। यानी की मौजूदा BS4 इंजन मानक वाले वाहनों की बिक्री नहीं हो सकेगी।