भारत और चीन के सेना के बीच हाल के दिनों में सीमा पर हुई झड़प के चलते स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। चीन के विरोध में देश भर में चीनी सामानों का विरोध किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोगों का विरोध इस कदर बढ़ा है कि Boycott China का हैचटैग भी ट्रेंड हुआ है। ऐसे में देश के ऑटो सेक्टर में एक सवाल तेजी से उठ रहा है कि क्या चीन के बिना बिजनेस करना संभव है, क्योंकि देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में चीन से आयात किए हुए कंपोनेंट्स का प्रयोग भारी मात्रा में किया जाता है। इस बारे में Bajaj Auto के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने कुछ बेहद ही जरूरी बातें कही हैं।

राजीव बजाज ने मीडिया को दिए गए अपने एक बयान में कहा है कि, हम लंबे समय से चीन से लंबे समय से कारोबार कर रहे हैं, इस दौरान चीन के वेंडर्स से हमारे अच्छे रिश्ते भी बन चुके हैं। उनकी कंपनी हर साल तकरीबन 600 से 700 करोड़ रुपये के कंपोनेट्स चीन से आयात करती है। विशेषकर बाइक्स के सस्पेंशन सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक्स को इत्यादि को चीन से आयात किया जाता है।

उन्होनें कहा कि, चीनी मार्केट के पास बेहतर बैकएंड है, विशेषकर दोपहिया इंडस्ट्री के लिए। उनके पास बिजनेस के लिए लैंड, लॉजिस्टिक, लेबर और मैन्यूफैक्चरिंग जैसे बेहतर स्त्रोत हैं, जिसके चलते वो कंपोनेट्स को कम से कम कीमत में तैयार कर पाते हैं। हम चीन से कंपोनेट्स इसलिए खरीदते हैं क्योंकि वो हमें सस्ते पड़ते हैं, और व्यापार एक सिद्धांत पर चलता है। जिसके अनुसार आपको जहां से भी सस्ते कंपोनेट्स मिलते हैं आपको खरीदने चाहिएं।

राजीव बजाज ने कहा कि, हम चीन से तब भी कंपोनेंट्स आयात करते थें जब भारतीय मुद्रा 60 रुपये प्रति डॉलर थी और आज भी खरीद रहे हैं जब भारतीय मुद्रा की स्थिति 76 रुपये प्रति डॉलर है। उन्होनें यह भी कहा है कि, ऐसा नहीं है कि भारत में जो कंपोनेंट्स निर्माता हैं वो बेकार हैं। बस चीन अन्य बाजार के मुकाबले काफी हद तक सस्ता पड़ता है और यही कारण है कि यहां से भारी मात्रा में कंपोनेंट्स आयात किया जाता है।

राजीव बजाज के अलावां देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki के चेयरमैन आर. सी. भागर्व ने भी हाल ही में मीडिया को दिए अपने एक बयान में कहा है कि व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग के लिए चीन से आयात करना जरूरी है। उन्होनें यह भी कहा कि, एक कंपनी के रूप में मारुति सुजुकी को चीन से आयात करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन कंपनी के वेंडर्स ऐसा करते हैं। इन वेंडर्स के लिए वैकल्पिक स्रोतों को खोजना या वैकल्पिक स्रोतों को विकसित करना आसान नहीं है, इसमें काफी समय लगता है।