नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कोयला ब्लाक आवंटन घोटाला मामले में छह महीने के भीतर अपना कारोबार समेटने का निर्देश पाने वाली कंपनियों को इस अवधि में कोयला खनन और बाजार में उसकी बिक्री करने से रोकने से आज इंकार कर दिया।

उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच एल दत्तू के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने इन्हें अपना परिचालन बंद करने के लिए छह महीने का समय दिया था और कंपनियों को इस अवधि में कोयला निकालने से नहीं रोका जा सकता है।

पीठ ने कहा, ‘‘ अगर वे कोयला निकालना चाहते है तब कोई उन्हें नहीं रोक सकता है। इन्हें छह महीने का समय दिया गया है। अदालत इन्हें इस अवधि में कोयला नहीं निकालने का निर्देश क्यों दें ? ’’

शीर्ष अदालत का यह निर्णय तब आया जब वकील एम एल शर्मा ने कहा कि कंपनियां प्रतिदिन के हिसाब से तीन से चार गुणा अधिक कोयला निकाल रही हैं क्योंकि उन्हें अपना परिचालन छह महीने में बंद करना है।

शर्मा की याचिका पर शीर्ष अदालत ने 218 कोयला ब्लाक में से 214 का आवंटन रद्द कर दिया था।