केंद्रीय कैबिनेट ने वोडाफोन-आइडिया के लिए पैकेज को मंजूरी दी। एजीआर बकाया को 87,695 करोड़ रुपये पर स्थिर रखा जिसका भुगतान वित्त वर्ष 2031-32 से वित्त वर्ष 2040-41 के बीच किया जाना है। वोडाफोन-आइडिया में सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी की रक्षा करने, बकाया राशि का व्यवस्थित भुगतान सुनिश्चित करने और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए मंत्रिमंडल द्वारा कदम उठाए गए हैं।

सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को यह जानकारी दी कि वोडाफोन-आइडिया वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 से संबंधित एजीआर बकाया का भुगतान वित्त वर्ष 2025-26 से वित्त वर्ष 2023-31 तक बिना किसी बदलाव के किया जाएगा।

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खबर आते ही 15% तक टूटे शेयर

इस खबर के आने के बाद कंपनी के शेयर में अचानक 15% तक गिर गए। हालांकि, अभी कंपनी के शेयर बीएसई पर 10.27% की गिरावट के साथ 10.83 रुपये के स्तर पर ट्रेड हो रहे हैं। कंपनी का शेयर आज अपने पिछले बंद 12.07 रुपये के मुकाबले तेजी के साथ 12.14 रुपये के स्तर पर खुले थे। इसका 52 सप्ताह का उच्चतर स्तर 12.80 रुपये और 52 सप्ताह का निचला स्तर 6.12 रुपये है। कंपनी का मार्केट कैप 1,16,360.42 रुपये है।

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सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति करेगी निर्णय

कर्ज में फंसी वोडाफोन-आइडिया के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राहत पैकेज को बुधवार को मंजूरी दे दी। इस राहत पैकेज के तहत 87,695 करोड़ रुपये के AGR बकाये के भुगतान से राहत दी गयी है। कंपनी को यह बकाया अब वित्त वर्ष 2031-32 से वित्त वर्ष 2040-41 तक देना होगा।

‘पीटीआई-भाषा’ को सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार विभाग कटौती सत्यापन दिशा-निर्देशों और लेखापरीक्षा रिपोर्ट के आधार पर रोके गए AGR बकाया का पुनर्मूल्यांकन भी करेगा। इस बारे में सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति निर्णय करेगी।

सूत्रों ने बताया कि इसके अतिरिक्त वित्त वर्ष 2017-18 और वित्त वर्ष 2018-19 से संबंधित एजीआर बकाया वोडाफोन-आइडिया द्वारा वित्त वर्ष 2025-26 से वित्त वर्ष 2030-31 के दौरान बिना किसी बदलाव के देय होगा।

इन कदमों से दूरसंचार कंपनी में करीब 49% हिस्सेदारी रखने वाली सरकार के हितों की रक्षा होगी। साथ ही स्पेक्ट्रम नीलामी शुल्क और एजीआर बकाया के रूप में केंद्र को देय राशि का व्यवस्थित भुगतान सुनिश्चित होगा।

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