शराब कारोबारी और भगोड़े विजय माल्या ने गुरुवार (26 मार्च, 2019) को भारतीय बैंकों से उनका पैसा वापस लेने और भारी वित्तीय संकट से जूझ रहे जेट एयरवेज को बचाने की अपील की है। गुरुवार सुबह माल्या ने ट्वीट कर कहा, ‘एक बार फिर दोहराता हूं कि मैंने पीएसयू बैंकों और अन्य सभी लेनदारों को भुगतान करने के लिए कर्नाटक हार्ईकोर्ट के समक्ष परिसंपत्तियां ( liquid assets) रखी हैं। बैंक मेरा पैसा क्यों नहीं ले रहे हैं। यह जेट जेट एयरवेज को बचाने में उनकी मदद करेगा।’ माल्या ने अपने ट्वीट में ना सिर्फ जेट एयरवेज को बचाने का ऑफर दिया है बल्कि केंद्र की एनडीए सरकार पर भी डबल स्टैंडर्ड का आरोप लगाते हुए पूछा कि आखिर क्यों पब्लिक सेक्टर के बैंक जेट एयरवेज को बचाने के लिए आगे आ रहे हैं जबकि उसकी कंपनी किंगफिशर को नहीं।

गुरुवार को ही किए एक अन्य ट्वीट में माल्या ने लिखा कि ‘यह देखकर खुशी हुई कि पब्लिक सेक्टर बैंक जेट एयरवेज को बेल आउट करने के लिए आगे आए। इससे ना सिर्फ नौकरियां बचेंगी बल्कि कनेक्विविटी और एंटरप्राइज बना रहेगा। बस यह ख्वाहिश रही कि ऐसा किंगफिशर के साथ भी होता। एक और ट्वीट में माल्या ने लिखा, ‘मैंने किंगफिशयर एयरलाइंस और कंपनी के कर्मचारियों को बचाने के लिए इसमें 4000 करोड़ का निवेश किया। इसे महत्व नहीं दिया गया और उल्टा मुझे निशाना बनाया गया। यही वो पब्लिक सेक्टर बैंक थे जिन्होंने भारत की सबसे शानदार एयरलाइंस, जिसके श्रेष्ठ कर्मचारी थे, उसे बेरहमी से असफल होने दिया। एनडीए सरकार के राज में यह दोहरा रवैया है।’

जानना चाहिए कि पिछले दिनों दिल्ली की एक अदालत ने फेरा उल्लंघन से संबंधित एक मामले में शराब कारोबारी विजय माल्या की बेंगलुरू में स्थित संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था। बेंगलुरू पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय के विशेष लोक अभियोजक एन के मत्ता और वकील संवेदना वर्मा के जरिए इस संबंध में अदालत के पहले के आदेश को लागू करने के लिए और समय मांगा था। इसके बाद मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत ने ताजा निर्देश जारी किए। अदालत ने राज्य पुलिस को 10 जुलाई तक संपत्तियां कुर्क करने के निर्देश दिए। उसी दिन मामले पर अगली सुनवाई होगी।