Budget 2019-20 India Income Tax Slab Rates Changes: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से 1 फरवरी, 2019 को अंतरिम बजट पेश किया गया। इसमें मध्य वर्ग को बड़ी राहत प्रदान की गई है। अरुण जेटली के देश से बाहर रहने की वजह से प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट पेश किया। गोयल ने अपने बजट में किसानों, मत्सय और पशुपालकों और मध्यम वर्ग के लोगों को लेकर बड़ी घोषणाएं की। सरकार ने पांच लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री करने की घोषणा की। किसानों के खाते में 6 हजार रुपया देने, पशुपालकों तथा मत्सयपालकों लोन में 2 प्रतिशत ब्याज छूट देने की घोषणा की गई। वित्त मंत्री पीयूष गोलय ने करदाताओं को ईमानदारी से टैक्स जमा करने के लिए धन्यवाद दिया। बता दें कि यह बजट केन्द्र की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के मौजूदा कार्यकाल का छठा और अंतिम बजट है।
सरकार ने आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपया कर दिया गया है। पांच लाख तक की आय पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा। डेढ़ लाख निवेश करने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। सैलरी वर्ग के लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया है। बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा राशि पर टीडीएस की सीमा 10,000 से 40,000 रुपये तक बढ़ा दी गई है। हालांकि, पांच लाख से ज्यादा आय वालों के स्लैब में किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया गया है।
Budget 2019 India
वहीं, कृषि क्षेत्र के राहत पैकेज में किसानों को सीधे नकद राशि के हस्तांतरण की घोषणा की गई। 2 हेक्टेयर जमीन तक के किसानों के खाते में 6 हजार रुपये दिया जाएगा। सरकार ने कहा कि इससे देश के करीब 12 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे। इस योजना के अन्तर्गत किसानों को कुल 7500 करोड़ दिए जाएंगे। इसके साथ ही पशुपालन व मत्सय पालन करने वालों को ब्याज में 2 प्रतिशत छूट देने की घोषणा की गई। गौपालन को बढ़ावा देने के लिए कामधेनु योजना पर खर्च किया जाएगा।
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Highlights
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने अमेरिका के न्यूयॉर्क में न्यूज एजेंसी एएनआई की रीना भारद्वाज को बजट 2019 को लेकर इंटरव्यू दिया। उन्होंने कहा- सत्ता में 10 साल रहकर यूपीए ने क्या किया? एक बार 70 हजार करोड़ का लोन माफ किया। उसने 52 हजार करोड़ का कर्ज ही माफ किया। सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक, उस 52 हजार करोड़ रुपए का महत्वपूर्ण हिस्सा किसानों के बजाय कारोबारियों को मिला।
केंद्र के दो विज्ञान मंत्रालयों को 2019-20 के अंतरिम बजट में संयुक्त तौर पर 14,697 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। यह पिछले बजट के आवंटन से मामूली अधिक है। भूविज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) को अंतरिम बजट में 1,901 करोड़ रुपये दिये गये हैं। इस मंत्रालय को 2018-19 में 1,800 करोड़ रुपये और 2017-18 में 1,541 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसी तरह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का आवंटन 207 करोड़ रुपये बढ़ाकर 5,321 करोड़ रुपये कर दिया गया है। सीएसआईआर को अंतरिम बजट में 4,895 करोड़ रुपये मिले हैं। इसे पिछले बजट में 4,572 करोड़ रुपये दिये गये थे।
समाजवादी नेता शरद यादव ने अंतरिम बजट के नाम पर मोदी सरकार द्वारा पूर्ण बजट पेश करने को हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा है कि शुक्रवार को पेश बजट में किए गए बड़े-बड़े वादों के मद्देनजर यह सवाल उठना लाजिमी है कि आगामी मई में मोदी सरकार के सत्ता से हटने के बाद इन वादों को कौन पूरा करेगा। यादव ने एक बयान में कहा- इस बजट प्रस्ताव में कुछ घोषणाएं आय-व्यय आदि का ध्यान रखे बिना ही कर दी गईं, जिससे साफ है कि यह बजट केवल लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही घोषित किया गया।
भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने शुक्रवार को पेश वित्तवर्ष 2019-20 के अंतरिम बज़ट को भारतीय इस्पात क्षेत्र के लिए सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा कि सरकार का यह बजट देश के तीव्र आर्थिक विकास पर ध्यान देने के साथ-साथ रेलवे, रक्षा, सड़क, विमानन, जलमार्ग, अंतरिक्ष, एलपीजी गैस समेत सागरमाला परियोजना जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर भी विशेष जोर देने वाला है। ये सभी क्षेत्र सीधे तौर पर इस्पात उत्पादों के उपभोग से जुड़े हैं और यह निश्चित रूप से आने वाले दिनों में देश में इस्पात खपत बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केन्द्र सरकार द्वारा शुक्रवार को संसद में पेश अंतरिम बजट को चुनावी बजट बताते हुए कहा कि यह जुमला और छलावा साबित होगा। उन्होने कहा कि मोदी सरकार के इस आखिरी बजट से अच्छे दिन की उम्मीद खत्म हो गई है। सीएम ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, ‘‘आज पेश आम बजट पूरी तरह से चुनावी बजट होकर जुमला व छलावा साबित होगा। मोदी सरकार के इस आख़री बजट से भी अच्छे दिन की उम्मीद ख़त्म हो गयी। कार्यकाल के अंतिम समय में किसान,गरीब,मजदूर, गौमाता की याद आई। किसानों के लिए घोषित राशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।’’
यस बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री शुभदा राव के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय मोर्चे पर मामूली चूक रहेगी। किसानों को राहत से राजकोषीय मजबूती की दिशा में भी कदम बाधित होगा, क्योंकि मतदाताओं को खुश करना चाहती है।
यस बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री शुभदा राव ने कहा कि आयकर छूट और गरीब किसानों को न्यूनतम आय, दोनों ही कदम उपभोग बढ़ाने वाले हैं। डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के प्रमुख अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा कि किसानों और मध्यम आय वर्ग के लिए जो घोषणाएं की गई हैं उनसे 2019-20 में राजकोषीय घाटे पर दबाव रहेगा।
जापानी ब्रोकरेज नोमूरा ने नोट में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2018-19 के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से लगातार चूक तथा वित्त वर्ष 2019-20 के लिए लक्ष्य को उसी स्तर पर कायम रखना ‘आश्चर्यजनक तौर पर नकारात्मक’ है। इससे 2020-21 में राजकोषीय घाटे को कम कर तीन प्रतिशत पर लाने के लक्ष्य पर सवाल खड़ा होता है।’’ रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी कहा है कि अंतरिम बजट में खर्च बढ़ाने के कदम उठाए गए हैं जबकि राजस्व बढ़ाने के उपाय नहीं किए गए है। लगातार चार वर्ष तक सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगी जो देश की वित्तीय साख की दृष्टि से प्रतिकूल है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट पर कहा कि यह गरीब को शक्ति देगा, किसान को मजबूती देगा, श्रमिकों को सम्मान देगा, मध्यम वर्ग के सपनों को साकार करेगा, ईमानदार आयकर दाताओं का गौरवगान करेगा, इंफ्रास्ट्रक्टर निर्माण को गति देगा और अर्थव्यवस्था को बल देगा। लोकसभा चुनाव से पहले अपनी सरकार द्वारा 2019..20 का अंतरिम बजट पेश किये जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ सरकार की योजनाओं ने देश के हर व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। हमारा पूरा प्रयास है कि किसानों को सशक्त करके उन्हें वे संसाधन दें, जिनसे वे अपनी आय दोगुनी कर सकें।’’
केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने वित्त वर्ष 2019-20 के बजट को ‘किसान बजट’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह सरकार की किसानों की आय को दोगुना करने की सोच के अनुरूप है। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने हमारे किसानों के लिए ऐतिहासिक घोषणाएं की हैं। उन्होंने छोटे और सीमान्त किसानों को 6,000 रुपये की सालाना नकद सहायता का स्वागत किया।
केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने वित्त वर्ष 2019-20 के बजट को ‘किसान बजट’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह सरकार की किसानों की आय को दोगुना करने की सोच के अनुरूप है। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने हमारे किसानों के लिए ऐतिहासिक घोषणाएं की हैं। उन्होंने छोटे और सीमान्त किसानों को 6,000 रुपये की सालाना नकद सहायता का स्वागत किया।
केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने वित्त वर्ष 2019-20 के बजट को ‘किसान बजट’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह सरकार की किसानों की आय को दोगुना करने की सोच के अनुरूप है। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने हमारे किसानों के लिए ऐतिहासिक घोषणाएं की हैं। उन्होंने छोटे और सीमान्त किसानों को 6,000 रुपये की सालाना नकद सहायता का स्वागत किया।
केंद्र सरकार ने आम चुनाव से पहले पेश अपने आखिरी बजट में खेल और युवा कार्य मंत्रालय के लिये बजटीय आवंटन में चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान की तुलना में करीब 200 करोड़ रुपये (दस प्रतिशत से कुछ अधिक) की बढोतरी की है जिसमें खिलाड़ियों को प्रोत्साहन और पुरस्कार की राशि के अलावा भारतीय खेल प्राधिकरण के बजट में वृद्धि हुई है।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने पीयूष गोयल के बजट भाषण पर तंज कसा है। उन्होंने कहा, 'वित्त मंत्री गोयल बजट भाषण के दौरान हिन्दी से अंग्रेजी में स्विच करते रहे। इससे आधे से ज्यादा लोग भ्रम में रहे। '
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य चौधरी सुखराम ने मोदी सरकार के अंतरिम बजट को चुनावी वादों का पिटारा बताते हुये कहा "सरकार ने बजट पेश नहीं किया है बल्कि बजट के नाम पर चुनाव प्रचार अभियान शुरु किया है। बजट में जनता को सिर्फ अगले सालों के लिये सपने दिखाने की कोशिश की गयी है। किसानों को 500 रुपये प्रति माह देने से उनका कितना उद्धार होगा, इससे किसान वाकिफ है।"
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने बजट को जुमला बताते हुये कहा ‘‘पांच साल तक कुछ न करो, तो जाते जाते "जुमलों का विस्फोट" करने में कोई बुराई नही है।’’
जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और राजद के निष्काषित बिहार के मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव ने छोटे किसानों को छह हजार रुपये सालाना राशि देने की बजट घोषणा को किसानों का अपमान बताया। यादव ने कहा ‘‘देश की 140 करोड़ आबादी में 12 करोड़ किसानों को पांच सौ रूपये मासिक देने की घोषणा कर सरकार ने किसानों को पेंशनधारक बना कर अपमानित किया है। इस घोषणा ने देश का निर्माण करने वाले किसानों का अब तक का सबसे बड़ा अपमान किया है।’’
राकांपा के राज्यसभा सदस्य माजिद मेमन ने बजट को चुनावी घोषणापत्र बताते हुये कहा कि अगर सरकार को सभी वर्गों कर इतनी ही चिंता थी तो पिछले सालों के बजट में ये घोषणायें क्यों नहीं की। बजट में किसानों और मध्यम वर्ग सहित अन्य सभी वर्गों के लिये कुछ न कुछ देने के बारे में मेमन ने कहा ‘‘बजट के मार्फत सरकार ने सारा खजाना खोल दिया है मगर उन्हें पता है कि खजाने की चाबी अब उनके हाथ से निकल गयी है और जनता भी इस बात को समझ रही है।’’
विपक्षी दलों ने शुक्रवार को लोकसभा में पेश किये गये मोदी सरकार के अंतरिम बजट को चुनावी घोषणापत्र बताते हुये कहा कि इसमें सिर्फ ऐसे लोकलुभावन वादे शामिल किये गये हैं, जो पूरे नहीं होंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने तो अंतरिम बजट में पूर्ण बजट की तर्ज पर किये गये वादों का हवाला देते हुये इसे असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने कहा ‘‘संविधान के मुताबिक कोई भी सरकार पांच साल के लिये चुनी जाती है। इस सरकार ने छठा बजट पेश कर दिया। क्या यह संवैधानिक है?’’
पीयूष गोयल ने पशुपालन के संबंध में कहा कि मैंने इस वर्ष में ही राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये कर दिया है। मैं राष्ट्रीय कामधेनू आयोग की स्थापना की घोषणा करता हूं। इससे गाय संसाधनों का सतत अनुवांशिक उन्नयन करने और गायों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह आयोग गायों के लिए कानूनों और कल्याण योजना को प्रभावी रूप से लागू करने की भी देखभाल करेगा।
पीयूष गोयल ने संसद में अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि ‘मुद्रा योजना’ के तहत कुल मिलाकर 7,23,000 करोड़ रुपये के 15.56 करोड़ ऋण वितरित किए गए हैं। भारत भी दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है जहां सर्वाधिक संख्या में युवा आबादी है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के जरिए 1 करोड़ से भी अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि आजीविका अर्जित करने में उनकी मदद की जा सके। ‘मुद्रा’, स्टार्ट-अप इंडिया और स्टैंड-अप इंडिया सहित स्व-रोजगार योजनाओं के जरिए युवाओं की पूरी क्षमता का उपयोग किया गया है। रोजगार चाहने वाले लोग अब रोजगार सृजित करने लगे हैं, इसकी बदौलत भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप हब बन गया है। सरकार को देश के युवाओं की कड़ी मेहनत और अभिनव आइडिया पर गर्व है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अपने कब्ज़े वाले दूसरे मकान के अनुमानित किराये पर लगने वाले आयकर के शुल्क में छूट का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यदि एक व्यक्ति के पास एक से अधिक अपना घर है तो उसे अनुमानित किराये पर आयकर का भुगतान करना होता है। श्री गोयल ने अपनी नौकरियों, बच्चों की शिक्षा और माता-पिता की देखभाल के लिए दो स्थानों पर परिवार रखने के कारण मध्यम वर्गीय परिवारों को होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए इस राहत की घोषणा की।
2019-20 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.4 प्रतिशत तय किया गया। 2019-20 के बजट अनुमान में कुल व्यय 2018-19 के संशोधित अनुमान की तुलना में 13.30 प्रतिशत बढ़ गया है।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को ब्याज से होने वाली आय पर स्रोत पर कर की कटौती (टीडीएस) की सीमा सालाना 10 हजार रुपये बढ़ाकर 40 हजार रुपये तक करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने 2019-20 का बजट लोकसभा में पेश करते हुए कहा कि इससे उन वरिष्ठ लोगों तथा छोटे जमाकर्ताओं को फायदा होगा जो बैंकों एवं डाकघरों की जमाराशि के ब्याज पर निर्भर करते हैं। अभी तक ये जमाकर्ता 10 हजार रुपये प्रति वर्ष तक की ब्याज आय पर कटे कर का रिफंड मांग सकते थे।
लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री गोयल ने कहा कि नोटबंदी सहित कालाधन विरोधी उपायों के कारण 1.30 लाख करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता चला है। साथ ही 50,000 करोड़ रुपए की बरामदगी हुई है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद वर्ष 2017-18 में 1.06 करोड़ से अधिक लोगों ने पहली बार आयकर रिटर्न भरा। गोयल ने कहा कि हमारी सरकार मकान खरीदने वालों पर जीएसटी का बोझ कम करना चाहती है। मंत्रियों का समूह इस मुद्दे पर विचार कर रहा है। गोयल ने काले धन की बुराइयों को दूर करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता जताई।
आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये कर दिया गया। अब पांच लाख रुपये की आय तक टैक्स नहीं लगेगा। प्रोविडेंट फंड या इक्विटी में 1.5 लाख रुपया निवेश करने पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। यूं कहें तो यदि किसी व्यक्ति की आय 6.5 लाख रुपये है और वे 1.5 लाख रुपये का निवेश करते हैं तो उन्हें किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा। इसके साथ ही सैलरी क्लास के लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद में करदाताओं का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि आपके टैक्स के पैसे ही देश के विकास के कार्य होते हैं। देश का विकास होता है। इसके साथ ही उन्होंने बड़ी घोषणा किया कि अब पांच लाख तक की आय वालों को टैक्स नहीं जमा करना पड़ेगा।
वित्त मंत्री ने कहा, 'मैं ईमानदार करदाताओं को धन्यवाद देता हूं। 12 लाख करोड़ रुपये का टैक्स जमा हुआ। टैक्स देने वालों की तादात 80 प्रतिशत तक बढ़ी। 99.53 फीसद रिटर्न मंजूर हुए। मध्यम वर्ग का टैक्स कम करना हमारी पहली प्राथमिकता है। अब टैक्स मूल्यांकन के लिए दफ्तर नहीं जाना पड़ेगा। 24 घंटे में आईटी रिटर्न की प्रोसेसिंग हो जाएगी।'
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत रहेगा। लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश करते हुए गोयल ने कहा कि चालू खाते का घाटा (कैड) इस साल जीडीपी का करीब ढाई प्रतिशत रहेगा। उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल में देश में 239 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है। गोयल ने कहा, ‘‘हमने एफडीआई नियमों को उदार किया और स्वत: मंजूर मार्ग से अधिक निवेश की अनुमति दी है।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू कर व्यवस्था में एक बड़ा सुधार आगे बढ़ाया है। यदि मुद्रास्फीति को नियंत्रित नहीं किया जाता तो हमारे परिवारों को रोजमर्रा के इस्तेमाल के सामान पर 35 से 40 प्रतिशत अधिक खर्च करना पड़ता।
पीयूष गोयल ने कहा कि देश का की अर्थव्यवस्था किस तरह से बढ़ रही है, इसका सहज अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ईपीएफओ सदस्यों की संख्या पिछले 2 साल में 2 करोड़ बढ़ी है। उन्होंने घोषणा किया, "ग्रेच्यूटी लिमिट को बढ़कार 10 लाख से 30 लाख रुपया कर दिया गया है। असंगठित क्षेत्र के लोगों को पेंशन देने के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मंधन (मेगा पेंशन योजना) शुरू की गई है। इसमें मात्र 100 रुपये प्रति महीने योगदान देने के बाद श्रमिक 60 वर्ष की उम्र के बाद 3000 रुपये पेंशन प्राप्त करेंगे। इससे असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ श्रमिकों को लाभ होगा। हो सकता है कि यह अगले पांच साल में असंगठित क्षेत्रों का दुनिया का सबसे बड़ा पेंशन योजना बन जाए।"
वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान कहा कि हमारी सरकार गोसेवा के लिए हमेशा काम करती है। गौसेवा के लिए कामधेनु योजना पर 750 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। गोमाता के लिए सरकार पीछे नहीं हटेगी।
वित्त मंत्री ने संसद में यह घोषणा किया कि किसानों के खाते में 6 हजार रुपये दिया जाएगा। चुनाव से पहले पहली किश्त के रूप में 2000 रुपये मिलेंगे। यह पैसा 2 हेक्टेयर खेत वाले किसानों के खाते में जाएगा। इससे 12 करोड़ किसानों के परिवारों को लाभ होगा। करीब 75,000 करोड़ किसानों को दिए जाएंगे। यह पैसा कुल तीन किस्त में मिलेगा। पशुपालन और मत्सय पालन के लिए दिए जाने वाले लोन पर ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा, 'भारत अब मजबूती के साथ विकास और समृद्धि की ओर आगे बढ़ रहा है। आयुष्मान भारत योजना दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कार्यक्रम बना। इसके माध्यम से करीब 50 करोड़ लोगों को मेडिकल केयर उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसका असर ये है कि गरीबों के 3000 करोड़ बच रहे हैं। मनरेगा के लिए वर्ष 2019-20 में 60,000 करोड़ रु. का आवंटन किया गया।
बजट भाषण के दौरान पीयूष गोयल ने कहा, 'हमने गरीबों के लिए आरक्षण लागू किया ताकि वे पीछे न रह जाएं। शैक्षणिक संस्थाओं में सरकार ने सीटें बढ़ाई। हमारी कोशिश यह है कि कोई भूखा न सोए। हमारा उद्देशय गांव की आत्मा बरकरार रखते हुए वहां भी शहरों जैसी सुविधा उपलब्ध करवाना है। जहां पहले टूटी पगडंडी थी, आज वहां बस पहुंच सकती है। एक करोड़ 53 लाख घर हमारी सरकार ने बनवाए। हमने लगभग हर घर को बिजली का मुफ्त कनेक्शन उपलब्ध करवाया। सभी घरों को रौशन करने और बिजली बिल के बचत के लिए 143 करोड़ एलईडी बल्ब उपलब्ध करवाए।'
पीयूष गोयल ने कहा, "हमने रिजर्व बैंक से बैंकों की सही स्थिति बताने को कहा। जिस गति से बैंकिंग में सुधार हुआ है, वह देश के विकास के लिए अच्छा है। सरकार ने बैंकिंग सुरक्षा के लिए अभियान छेड़ा। रेरा से रियल एस्टेट में पारदर्शिता आयी। टैक्स सुधार में हमने परिवर्तन किया। हमने भ्रष्टाचारमुक्त सरकार चलाई है। स्वच्छता को लेकर भी सरकार ने लोगों की मानसिकता में बदलाव लाया। स्वच्छ भारत अभियान देश की 120 करोड़ जनता की वजह से सफल हो पाया।"
बजट पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "2022 तक सरकार सबको घर देगी। हम दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने। हमारी सरकार ने महंगाई पर लगाम लगाई। किसानों की आय दोगुनी होगी। 5 साल में एफडीआई में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हुई। सरकार ने कई योजनाएं शुरू की। सरकार ने एनपीएस को कम करने का काम किया। पहले छोटे व्यवसायियों को लोन चुकता करने की चिंता होती थी, अब बड़े व्यवसायियों को भी यह चिंता होती है।"
वित्त मंत्री (पीयूष गोयल) ने संसद में बजट पढ़ना शुरू कर दिया है। उन्होंने इस बजट को 'अंतरिम बजट' बताया। उन्होंने कहा, "इस सरकार ने सोच बदली और देश के आत्मविश्वास को बढ़ाया। किसानों की आमदनी दोगुनी हुई। जीवन में बेहतरी के लिए सरकार ने काम किया। देश से भ्रष्टाचार कम हुआ। दुनिया ने भारत की ताकत को पहचाना। हमारी अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बनी। हमारी सरकार ने कमरतोड़ महंगाई की कमर तोड़ दी। वर्ष 2022 तक नया भारत बनेगा।"
तेलुगू देशम पार्टी के सांसदों ने काले कपड़े पहन केंद्र सरकार द्वारा अंतरिम बजट 2019 पेश करने से पहले विरोध जताया। वे संसद परिसर में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
मोदी सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट को मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'जुमला' बताया है। उन्होंने कहा, "वे आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बजट में लोक-लुभावने योजनाएं पेश करने की कोशिश करेंगे। वे जो बजट पेश करेंगे इससे आम आदमी को कोई फायदा होने वाला नहीं है। आज सिर्फ 'जुमला' बाहर निकलकर आएगा। उनके पास सिर्फ चार महीने का समय है। वे इन योजनाओं को कब लागू करेंगे।"
केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल (प्रभारी) सहित सरकार के लगभग सभी मंत्री संसद भवन पहुंच चुके हैं। कैबिनेट की बैठक शुरू हो चुकी है। कुछ ही देर बाद 11 बजे बजट पेश किया जाएगा।