प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि संसद में मंगलवार को पेश किए गए आम बजट का जोर गरीब, मध्यम वर्ग और युवाओं को बुनियादी सुविधाएं देने और आय के स्थायी समाधानों से जोड़ने पर है। भाजपा की ओर से वर्ष 2022-23 के आम बजट पर आयोजित कार्यक्रम ‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बहुत जरूरी है कि भारत आत्मनिर्भर बने और उसकी नींव पर एक आधुनिक भारत का निर्माण हो। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जैसे पूरी दुनिया बदल गई थी, उसी प्रकार कोरोना महामारी के बाद दुनिया में बहुत सारे बदलाव की संभावना है और एक नई विश्व व्यवस्था तैयार होगी।

वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात वर्ष में सरकार ने जो निर्णय लिए, नीतियां बनार्इं और पहले की जिन नीतियों में सुधार किए, उसकी वजह से आज भारत की अर्थव्यवस्था का निरंतर विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि सात-आठ साल पहले भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए था। आज भारत की अर्थव्यवस्था दो लाख 30 हजार करोड़ के आसपास की है। उन्होंने कहा कि यह समय भारत के लिए नए सिरे से तैयारी, नए अवसरों का और नए संकल्पों की सिद्धि का है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट में घोषणा की गई है कि इस साल करीब चार करोड़ ग्रामीण घरों को पाइप से पानी का कनेक्शन दिया जाएगा। इस पर 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बजट का भी जोर गरीब, मध्यम वर्ग और युवाओं को बुनियादी सुविधाएं देने और आय के स्थायी समाधानों से जोड़ने पर है। उन्होंने केन-बेतवा नदी जोड़ योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस बार के बजट में इसके लिए हजारों करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है और इससे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर भी बदलने वाली है। उन्होंने कहा कि पिछले बजट में हमने किसान रेल और किसान उड़ान की सुविधा सुनिश्चित की और अब किसान ड्रोन किसान का नया साथी बनने वाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर अनेक प्रकार की बातें फैलाई गई हैं, लेकिन सरकार ने पिछले सालों एमएसपी पर रेकार्ड खरीद की है। केवल धान की ही बात करें तो इस सत्र में किसानों को एमएसपी के रूप में डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक मिलने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि हर साल लाखों करोड़ रुपए खाद्य तेल खरीदने के लिए विदेश भेजा जाता है। इसका लाभ देश के किसानों को मिले, इसके लिए विशेष योजनाएं लागू की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने का एक बड़ा अभियान निरंतर चल रहा है, जिसके माध्यम से खेत में ही सौर ऊर्जा यंत्र लगाने के लिए मदद दी जा रही है। अब हम प्राकृतिक खेती गलियारे पर काम कर रहे हैं। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में गंगा के किनारे पांच किलोमीटर चौड़ा प्राकृतिक खेती का गलियारा तैयार किया जाएगा। बजट में पर्वतमाला परियोजना की घोषणा का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इससे हिमालय के क्षेत्रों में आधुनिक संपर्क और आधुनिक अवसंरचना को विस्तार मिलेगा।