पीयूष गोयल मोदी सरकार के सबसे तेजतर्रार मंत्रियों में शुमार किए जाते हैं। उनके पास रेलवे, ऊर्जा के अलावा वित्त मंत्रालय का प्रभार है। अरुण जेटली की अनुपस्थिति में शुक्रवार को उन्होंने बतौर वित्त मंत्री बजट 2019 पेश किया। पीयूष गोयल पीएम नरेंद्र मोदी के बेहद नजदीकी माने जाते हैं। उनके शुरुआती जीवन की बात करें तो उनका आरएसएस से गहरा जुड़ाव रहा है। गोयल भी आरएसएस में हासिल अनुभवों को बिना झिझक लोगों के सामने रखते हैं। उनकी निजी वेबसाइट पर दो तस्वीरों में वह दो बड़े सरसंघचालकों एमएस गोलवलकर और बालासाहेब देवरस के साथ नजर आते हैं।
कुछ साल पहले पीयूष गोयल ने अंग्रेजी अखबार द टेलिग्राफ को इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में उन्होंने माना था कि उनके जीवन में आरएसएस का बेहद सकारात्मक प्रभाव रहा है। आरएसएस के साथ अपने जुड़ाव पर गर्व जताते हुए गोयल ने कहा कि संघ का उनके काम और व्यक्तित्व पर बेहद गहरा असर रहा है। गोयल के मुताबिक, ‘आप लोगों के मन में आरएसएस के बारे में गलत धारणा है। आरएसएस के वरिष्ठ बेहद शांत स्वभाव वाले होते हैं। आप शाखाओं में कितना कुछ कर सकते हैं? हम वहां खेलते हैं, सभी समुदाय के लोगों से बातचीत करते हैं। कोई अरबपति हो सकता है तो कोई झुग्गी बस्ती वाला, लेकिन शाखा में सब एक हैं। किसी को कोई खास वरीयता नहीं दी जाती, भले ही वो कोई हीरा कारोबारी ही क्यों न हो।’
गोयल अपने तेज तर्रार स्पीच देने की योग्यता का क्रेडिट भी संघ को ही देते हैं। उनका कहना है कि संघ के दिनों में उन्हें हफ्ते में एक या दो बार लोगों के समक्ष किसी खास विषय पर संबोधित करना होता था। इसी इंटरव्यू में गोयल ने अपने और बालासाहेब देवरस के भाई भाऊराव देवरस के बीच होने वाले ‘अंतहीन चर्चाओं’ की भी जानकारी दी। आरएसएस के यूनिफॉर्म को बदलने के मुद्दे पर दोनों के बीच यह बहस होती थी। गोयल ने पुराना वक्त याद करते हुए कहा, ‘मैं कहा करता था कि मुझे उन बड़े साइज के खाकी हाफ पैंट पहनने में काफी शर्मिंदगी होती थी।’ बता दें कि आरएसएस ने भी कुछ वक्त पहले गोयल की सुन ली और संगठन ने यूनिफॉर्म में बदलाव करते हुए अब भूरे रंग के पतलून को शामिल किया है।