Budget 2025 Expectations (बजट 2025-26 से उम्मीद) Updates: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को यूनियन बजट पेश करने के लिए तैयार हैं। देशभर में अर्थशास्त्री और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स बजट 2025 से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं जिनसे इन्फ्रास्ट्रक्चर, एग्रीकल्चर, MSEMs और दूसरे जरूरी सेक्टर को तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिल सके। सरकार द्वारा बजट में इस बार रेलवे, सड़क और डिफेंस जैसे सेक्टर में कैपिटल एक्सपेंडीचर में निवेश पर फोकस रखने की उम्मीद है।
वित्त मंत्र 1 फरवरी को सुबह 11 बजे संसद पटल पर बजट 2025 पेश करेंगी। टैक्सपेयर्स भी इस बार वित्त मंत्री से इनकम टैक्स में राहत देने की उम्मीद कर रहा है। मिडिल-क्लास और सैलरीड क्लास को निर्मला ताई से बड़ी उम्मीदें और हो सकता है कि 10 लाख तक की आय टैक्स फ्री कर दी जाए। नए और पुराने टैक्स रिजीम, हेल्थ व लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, वॉलंटरी NPS कॉन्ट्रीब्यूशन से जुड़े बड़े ऐलान भी आम बजट में किए जा सकते हैं। पढ़ें हर अपडेट लाइव…
बजट को हम इन कैटगरी में बांट सकते हैं – संतुलित बजट, असंतुलित बजट, सरप्लस बजट या डेफिसिट बजट। इसे हम अंतरिम बजट और पूर्ण बजट में भी विभाजित कर सकते हैं। जानकार व अर्थशास्त्री बजट का वर्गीकरण अन्य कई तरीकों से भी करते हैं।
केंद्रीय बजट में पूंजी, राजस्व और व्यय बजट शामिल हैं और यह सरकार के वित्तीय रिकॉर्ड और रणनीतियों की रूपरेखा तैयार करने के प्राइमरी टारगेट को पूरा करता है, जिसका लक्ष्य सभी के लिए सामाजिक न्याय और समानता सुनिश्चित करने जैसी संवैधानिक जिम्मेदारियों के निष्पादन को सक्षम करते हुए व्यापक आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
आपको बता दें कि देश का पिछला बजट 23 जुलाई 2024 को पेश हुआ था। इस बजट को लोकसभा चुनाव 2024 के बाद पेश किया गया था और यह एक पूर्ण बजट था। चुनावी साल में भारत में आमतौर पर दो बजट पेश किए जाते हैं- एक अंतरिम और एक पूर्ण
यूनियन बजट या आम बजट सरकार के खर्च और कमाई का पूरा लेखा-जोखा है। जिस तरह से आप अपने घर का बजट बनाते हैं कि कितनी इनकम होगी और कितना खर्च होगा और अंत में बचत कितनी होगी। साधारण भाषा में कहा जा सकता है कि बजट आमदनी और खर्च का हिसाब-किताब है। सरकार और एक आम आदमी के बजट में बेहद मामूली फर्क होता है। आम आदमी सिर्फ अपने घर का बजट बनाता है जबकि सरकार को पूरे देश का बजट बनाना पड़ता है।
बजट 2024 में कृषि क्षेत्र से जुड़े बड़े ऐलान किए जा सकते हैं। एग्रीकल्चर सेक्टर का बजट भी मोदी सरकार द्वारा बढ़ाया जा सकता है ताकि ग्रोथ देखने को मिले।
स्कॉटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन ने 163 साल पहले 1860 में पहला भारतीय बजट पेश किया था। आजादी के बाद तत्कालीन वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पहला बजट पेश किया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह लगातार आठवां बजट है। इससे पहले मोरारजी देसाई ने कुल 6 बजट लगातार पेश किए थे। मोरारजी देसाई के नाम कुल 10 बजट पेश करने का रिकॉर्ड है।
संसद के बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी से हो रही है। इससे पहले 30 जनवरी को केंद्र सरकार ने बजट पर विचार-विमर्श और चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को मोदी सरकार 3.0 का दूसरा पूर्ण बजट पेश करेंगी। बजट भाषण सुबह 11 बजे संसद में शुरु होगा।
