Buget 2024 Expectations: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 23 जुलाई  को लगातार अपना सातवां बजट पेश करेंगी। इससे पहले 1 फरवरी 2024 को उन्होंने अपना छठा बजट पेश किया था जो एक अंतरिम बजट था। बता दें कि वित्त मंत्री ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे को कम करके 5.8 प्रतिशत जबकि 2024-25 के लिए 5.1 प्रतिशत पर लाने का प्रस्ताव दिया था। 

2024-25 के लिए पेश किए गए अंतरिम बजट में सरकार ने कुल 47,65,786 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव दिया था। इसमें 11,11,111 करोड़ रुपये का बड़ा कैपिटल एक्सपेंडीचर शामिल है। यानी 2024-25 के लिए इफेक्टिव कैपिटल एक्सपेंडीटचर 14,96,683 करोड़ रुपये होना था तो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 17.7 प्रतिशत ज्यादा है। 

बात करें राज्यों को मिलने वाले रीसोर्सेज और राज्य के शेयर, ग्रांट/लोन के हस्तांतरण और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली स्कीम के तहत रिलीज की तो 2024-25 के लिए 22,22,264 करोड़ रुपये बजट में आवंटित किए गए।

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यह वित्तीय वर्ष 2022-23 के वास्तविक आंकड़ों की तुलना में 4,13,848 करोड़ रुपये की पर्याप्त वृद्धि को दिखाता है।

जानें बजट में प्रस्तावित होने वाला पैसा कहां से आता है और कहां जाता है…

कहां से आता है सरकार के पास रुपया?

बजट दस्तावेजों के मुताबिक, सरकार के रेवेन्यू कम्पोजीशन (संघटन) से खुलासा होहता है कि सरकार की इनकम का सबसे बड़ा 28 फीसदी हिस्सा दिए गए उधार और दूसरे कर्जों से आता है। इसके बाद 19 प्रतिशत हिस्सा इनकम टैक्स और 18 फीसदी हिस्सा Goods and Services Tax (GST)  से आता है। 

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वहीं 17 प्रतिशत हिस्सा कॉरपोरेशन टैक्स जबकि नॉन-टैक्स रीसिप्ट से 7 फीसदी की इनकम सरकार को होती है। यूनियन एक्साइज ड्यूटीज एंड कस्टम दोनों से सरकार को बजट का 9 प्रतिशत और नॉन-डेट (Non-debt) कैपिटल रीसिप्ट से कुल इनकम का 1 प्रतिशत मिलता है। 

कहां जाता है सरकार का पैसा?

बात करें खर्च की तो सरकार का सबसे ज्यादा 20 प्रतिशत खर्च ब्याज भुगतान और टैक्स ड्यूटीज में राज्यों का हिस्सा देने में जाता है। केंद्र सरकार की स्कीमों और दूसरे खर्चों में क्रमशः 16 प्रतिशत और 9 प्रतिशत पैसा खर्च हो जाता है। वहीं डिफेंस सेक्टर और केंद्र सरकार द्वारा स्पॉन्सर स्कीमों को फाइनेंस कमीशन (Finance Commission) से बजट का 8 प्रतिशत पैसा मिलता है। कुल खर्च का 6 प्रतिशत हिस्सा सरकार सब्सिडी पर जबकि पेंशन पर 4 प्रतिशत पैसा खर्च करती है।