Budget 2024 Income Tax Expectations: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024 को यूनिय बजट 2024-25 पेश करेंगी। मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट से आम लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं। एजुकेशन, हेल्थ, MSME, डिफेंस, रेलवे समेत तमाम दूसरे सेक्टर से बजट में सरकार से बड़े ऐलान की उम्मीद लगाए बैठे हैं। बात करें टैक्सपेयर्स और मिडिल क्लास की तो इनकम टैक्स में राहत मिलने का इंतजार है और इसक साथ ही वित्त मंत्री द्वारा नए इनकम टैक्स रिजीम और स्टैंडर्ड डिडक्शन में भी बदलाव किया जा सकता है।

एक्सपर्ट्स के अनुमान और पिछले कई दिनों से आ रही अलग-अलग रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा है कि यूनियन बजट 2024 में कैपिटल एक्सपेंडिचर पर सबसे ज्यादा फोकस रखा जाएगा, खासतौर पर इन्फ्रास्ट्र्क्चर पर ताकि GDP ग्रोथ बढ़ सके। बजट में कई बड़े ऐलान होने के बावजूद माना जा रहा है कि मिडिल क्लास को टैक्स में कोई बड़ी राहत मिलना मुश्किल ही है।

Budget 2024 Date: बजट 2024 कब है? जानें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण किस समय पेश करेंगी मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट

1.टैक्स में बेसिक छूट की लिमिट को बढ़ाना

बजट 2020 में सरकार ने नए टैक्स रिजीम का ऐलान किा था और बेसिक छूट की लिमिट को बढ़ाया था। जो टैक्सपेयर्स अपने निवेश के लिए डिडक्शन क्लेम नहीं करते, उन्हें इस रिजीम में फायदा होता है। इसके अलावा, इस रिजीम में कर्मचारियों को अपने निवेश के दस्तावेजों को कंपनी को सबमिट करने की जरूरत भी नहीं होती है। 

वहीं बात करें पुराने रिजीम की तो आखिरी बार इसमें 2014-15 में बदलाव हुआ था। यानी आखिरी बदलाव को करीब एक दशक हो गया है। सैलरीड टैक्सपेयर्स की सैलरी तो 10 सालों में बढ़ी है लेकिन टैक्स में मिलने वाली बेसिक छूट की लिमिट वही है। वित्त मंत्री से उम्मीद की जा रही है कि दोनों टैक्स रिजीम में बेसिक छूट की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी जाए।

Budget 2024: सस्ती EV से लेकर HRA, हेल्थ इंश्योरेंस और बहुत कुछ, बजट में निर्मला ताई मिडिल क्लास को दे सकती हैं कई

उम्मीद की जा रही है कि सरकार बजट 2024-25 में नए रिजीम में हर टैक्स स्लैब के लिए लिमिट को बढ़ा दे ताकि मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ कम हो सके। ऐसा होने से पहले से ज्यादा टैक्सपेयर्स नए रिजीम पर स्विच करेंगे और उनकी इन-हैंड सैलरी व खर्च करने की क्षमता दोनों बढ़ेगी।

2.80C की लिमिट बढ़ना

बेसिक टैक्स छूट की लिमिट की तरह ही 80C के तहत डिडक्शन में बढ़ोत्तरी 2014-15 में ही आखिरी बार हुई थी। पिछले 10 सालों में बढ़ती महंगाई के चलते आम आदमी का खर्च बढ़ा है। 80C के तहत टैक्सपेयर्स को LIC, प्रोविडेंट फंड कॉन्ट्रिब्यूशन,  इक्विटी लिंक्स सेविंग्स स्कीम, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, सुकन्या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि निवेश पर छूट मिलती है। उम्मीद की जा रही है कि हो सकता है सरकार सैलरीड टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए 80C के तहत मिलने वाली डेढ़ लाख रुपये की लिमिट को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दे।

3.स्टैंडर्ड डिडक्शन

बजट 2018 में टैक्स लैंडस्केप में बदलाव हुआ था जब ट्रांसपोर्ट अलाउंट और मेडिकल रिम्बर्समेंट को स्टैंडर्ड 40,000 रुपये से रिप्लेस किया गया था। इसका मतलब है कि अगर कोई सैलरीड टैक्सपेयर कोई बिल (मेडिकल रिम्बर्समेंट छोड़कर) नहीं देता है तो उसे एक खास डिडक्शन मिलता है। 2019 के बजट में इस स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया। पिछले साल आए बजट में नए टैक्स रिजीम को चुनने वाले टैक्सपेयर्स के लिए भी यह ऑप्शन दिया गया। इस बार बजट 2024 में वित्त मंत्री से नए रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 1 लाख रुपये तक किए जाने की उम्मीद की जा रही है। जबकि पुराने रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 70,000 रुपये तक करने की उम्मीदें टैक्सपेयर्स को हैं।

बता दें कि इन सभी उम्मीदों के बावजूद माना जा रहा है कि बजट 2024 में मिडिल क्लास को मिलने वाली टैक्स राहत फोकस में नहीं है।