केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट लोकसभा चुनावों के बाद नई सरकार के गठन के बाद पेश किया जाएगा। दिसंबर 2023 में निर्मला सीतारमण ने कहा था कि आने वाला बजट आम चुनाव से पहले केवल ‘वोट ऑन अकाउंट’ होगा। निर्मला सीतारमण ने कहा था, “उस समय (आने वाले बजट में) कोई शानदार घोषणा नहीं होगी। इसलिए आपको नई सरकार के आने और जुलाई 2024 में अगला पूर्ण बजट पेश करने तक इंतजार करना होगा।”
2019 में तात्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीमार होने के बाद वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने आखिरी अंतरिम बजट पेश किया था। इसके बाद नई सरकार बनी और निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री बनी। उन्होंने 5 जुलाई 2019 को पूर्ण बजट पेश किया।
क्या होता है अंतर?
अंतरिम बजट नई सरकार बनने तक सरकार के अनुमानित खर्चों की रूपरेखा तैयार करेगा। वहीं पूर्ण बजट में कमाई, खर्च, आवंटन और नई घोषणाओं सहित सरकारी वित्त के सभी पहलू शामिल होते हैं। पूरे साल का बजट एक ऐसा रास्ता होता है, जो पूरे वित्तीय वर्ष के लिए देश की आर्थिक स्तिथि को दर्शाता है। अंतरिम बजट छोटे अवधि के लिए वित्तीय विवरण प्रदान करता है।
अप्रैल-मई 2024 के आसपास लोकसभा चुनाव होने की उम्मीद है। ऐसे में नई सरकार जुलाई 2024 में पूर्ण बजट पेश करेगी। 1 फरवरी को निर्मला सीतारमण संसद में 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगी, जो 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी होगा। हालांकि बड़ी घोषणाएं करने पर कोई संवैधानिक रोक नहीं है।
वोट ऑन अकाउंट में सरकारें ‘आर्थिक सर्वेक्षण’ (Economic Survey) पेश करने से भी परहेज करती हैं। यह परंपरा आमतौर पर पूर्ण बजट पेश होने से एक दिन पहले होती है।
क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे?
इकोनॉमिक सर्वे समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था की स्थिति की एक विस्तृत रिपोर्ट है। आमतौर पर यह पिछले वित्त वर्ष का लेखा जोखा होता है। यह दस्तावेज़ न केवल सरकार के प्रमुख विकासात्मक कार्यक्रमों की जानकारी देता है बल्कि केंद्र सरकार की नीतिगत पहलों का भी जिक्र करता है । यह पिछले वर्ष के लिए दृष्टिकोण भी प्रदान करता है।