Union Budget 2019-20 India: मोदी सरकार 1 फरवरी को अपने पहले कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करेगी। बजट में सरकारी खर्च और प्राप्तियों का ब्‍यौरा संसद के माध्‍यम से जनता के सामने पेश किया जाता है। साथ ही इसमें आगामी वित्‍तीय वर्ष का ब्‍यौरा भी होता है। सालाना वित्‍तीय लेखाजोखा की इस प्रक्रिया को भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में बजट के नाम से जाना जाता है। लेकिन, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारतीय संविधान में ‘बजट’ शब्‍द का उल्‍लेख नहीं है। संविधान में एनुअल फायनेंशियल स्‍टेटमेंट या वार्षिक वित्‍तीय विवरण का प्रावधान किया गया है। संवैधानिक प्रावधानों के बावजूद आम बोलचाल में वित्‍तीय विवरण के बजाय बजट ही ज्‍यादा लोकप्रिय है। राष्‍ट्रपति इसे सरकार के माध्‍यम से हर साल संसद में रखवाता है।

अनुच्‍छेद 112 में वित्‍तीय विवरण का प्रावधान: संविधान के अनुच्‍छेद 112 (1) में वार्षिक वित्‍तीय विवरण (लोकप्रिय नाम बजट) का उल्‍लेख किया गया है। इसके तहत यह व्‍यवस्‍था की गई है कि राष्‍ट्रपति प्रत्‍येक वित्‍तीय वर्ष के संबंध में संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्‍यसभा) के समक्ष भारत सरकार की उस वर्ष के लिए आकलित प्राप्तियों और खर्च का विवरण रखवाएगा। प्राप्ति (कर वसूली के साथ अन्‍य स्रोतों से राजस्‍व की प्राप्ति) और खर्च के ब्‍यौरे से देश की आर्थिक स्थिति भी स्‍पष्‍ट हो जाती है। सरकार सांविधानिक पदों पर आसीन व्‍यक्तियों के अलावा सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्‍ते का भार वहन करती है। इसके अलावा लोककल्‍याणकारी योजनाओं और देश के हित में चलाई गई परियोजनाओं का खर्च भी सरकार के ही हिस्‍से आती है।

लैटिन के शब्‍द से हुई ‘बजट’ की उत्‍पत्ति: भारत समेत विश्‍व के तमाम देशों में सालाना वित्‍तीय विवरण को बजट के नाम से ही जाना जाता है। इस शब्‍द की उत्‍पत्ति लैटिन के ‘बुल्‍गा’ (Bulga) शब्‍द से हुई है, जिसका मतलब पाउच या थैला होता है। इसका संबंध आयरलैंड के ‘बोल्ज’ (Bolg) शब्‍द से भी जोड़ा जाता है, जिसका मतलब बैग होता है। ऐसा माना जाता है कि अंग्रेजी भाषा में बजट शब्‍द का आगमन 15वीं शताब्‍दी में हुआ था। फ्रेंच शब्‍द ‘बॉजेट’ (bougette) ही समय के साथ बजट में तब्‍दील होकर अंग्रेजी भाषा में शामिल हो गया। बॉजेट का मतलब चमड़े का बना छोटा बैग होता है। आज बजट लैटिन, आयरिश, फ्रेंच या महज अंग्रेजी भाषा बोलने वालों तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि पूरी दुनिया में लोकप्रिय शब्‍द के तौर पर फैल चुका है। आपको बता दें कि आज भी संसद में बजट पेश करने जाते वक्‍त वित्‍त मंत्री प्रतीकात्‍मक तौर पर चमड़े के छोटे से बैग में दस्‍तावेज ले जाते हैं।