भारत की प्रमुख बिस्कुट निर्माता कंपनी ब्रिटैनिया अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने का जश्न मना रही है। इन सौ सालों में इस कंपनी ने देश की आजादी और बहुत सारे उतार-चढ़ावों को भी देखा है। ब्रिटैनिया कंपनी के उत्पादों का इस्तेमाल भारत के लगभग हर घर में किया जाता है। लेकिन आपको ये बात शायद ही पता हो कि इस कंपनी ने द्वितीय विश्व युद्ध में जंग लड़ने वाले सैनिकों काे भी बिस्कुट की आपूर्ति की थी।
दरअसल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत पर राज करने वाली ब्रिटिश सरकार को सैनिकों के लिए खासतौर पर आपूर्ति किए जाने वाले बिस्कुटों की जरूरत पड़ी। इस जरूरत को ब्रिटैनिया बिस्कुट कंपनी ने पूरा किया था। ये आपूर्ति कई सालों तक लगातार चलती रही। कई बार तो कंपनी के उत्पादन का कुल 95 प्रतिशत तक हिस्सा सशस्त्र सेनाओं को ही भेजा जाता था।
Join us on the 6th of August, 2018 as we take you on a journey of the past and the future of 100 years of Britannia. Stay tuned. #Britannia100 pic.twitter.com/LHx8wKeCwa
— Britannia Industries (@BritanniaIndLtd) August 3, 2018
उस समय की छोटे पैमाने पर बिस्कुट बनाने वाली कंपनी बाद में साल 1979 में ब्रिटैनिया इंडस्ट्रीज बन गई। बाद में ये संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम में भी सहयोगी बनी। ब्रिटैनिया कंपनी के बिस्कुट संयुक्त राष्ट्र ने पूरी दुनिया में भेजे, खासतौर पर संकटकाल के दौरान। कई बार इन बिस्कुट को संयुक्त राष्ट्र की मांग पर कुपोषण से लड़ने के लिए भी बनाया गया।
ब्रिटैनिया कंपनी की शुरुआत साल 1892 में कलकत्ता (वर्तमान में कोलकाता) में कुटीर उद्योग के तौर पर हुई थी। ये उस वक्त छोटे से घर से संचालित होती थी। इस कंपनी को शुरू करने की लागत सिर्फ 295 रुपये आई थी। पांच साल बाद इसे दो गुप्ता भाइयों (नाम अज्ञात) ने खरीद लिया। गुप्ता बंधुओं ने इस कंपनी को दमदम ले जाने का फैसला किया।
वहां इस कंपनी को वी.एस. ब्रदर्स के नाम संचालित किया जाता था। बाद में साल 1918 में कंपनी का नाम बदलकर ब्रिटैनिया बिस्कुट कंपनी पड़ गया। जब इस कंपनी में साझेदार के तौर पर अंग्रेज कारोबारी सीएच होम्स भी गुप्ता बंधुओं के साथ भागीदार हो गए। इस तरह से ये कंपनी भारत की पहली मशीन से बिस्कुट बनाने वाली कंपनी बन गई। कंपनी ने 1921 में गैस ओवन का आयात किया और इस पूरे एशियाई क्षेत्र में ये ऐसा करने वाली पहली कंपनी बन गई।
साल 1924 में ब्रिटैनिया में पीक, फ्रेयन एंड कंपनी भी साझीदार हो गईं। फ्रेयन एंड कंपनी ब्रिटेन की शीर्ष बिस्कुट निर्माता कंपनी थी। बाद में साल 1978 में कंपनी ने अपने शेयर पब्लिक के लिए खोल दिए। कंपनी के इस कदम ने इसे पूरी तरह से भारतीय कंपनी बना दिया। इस कंपनी में भारतीय नागरिकों के शेयर का हिस्सा 60 फीसदी से भी ज्यादा है। वर्तमान में इस कंपनी का स्वामित्व मुंबई के बड़े कारोबारी वाडिया घराने के पास है।