आयकर जांच विभाग की मुंबई इकाई ने मार्च 2022 में रिलायंस (एडीए) समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी के खिलाफ 2015 काला धन अधिनियम (बीएमए) के तहत एक आदेश पारित किया। काला धन अधिनियम आदेश 2019 में पहली बार कथित अघोषित संपत्ति पर उद्योगपति को नोटिस जारी करने के बाद दायर किया गया था। अनिल अम्बानी को जांच टीम ने सवाल भेजे थे, लेकिन उन्होंने उन सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।
बीएमए आदेश को दो अपतटीय आश्रयों, बहामास और ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में अनिल अंबानी की संस्थाओं के लाभकारी स्वामित्व का विस्तार करने के लिए समझा जाता है। बहामास में अनिल अंबानी ने 2006 में एक अपतटीय कंपनी ड्रीमवर्क होल्डिंग्स इंक के साथ डायमंड ट्रस्ट की स्थापना की। सीबीडीटी द्वारा विदेशी कर और कर अनुसंधान (एफटीटीआर) डिवीजन के माध्यम से बहामा को भेजे गए अनुरोधों के बाद पता चला कि इसका स्विस बैंक खाता – यूबीएस बैंक की ज्यूरिख शाखा में है। आदेश में अपतटीय संस्थाओं और लिंक किए गए बैंक खातों में 800 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन सामने आया है। सूत्रों ने बताया कि यह आंकड़ा मौजूदा रुपया-डॉलर दर के आधार पर लगाया गया है।
बीवीआई में 2010 में अनिल अंबानी द्वारा निगमित एक अन्य अघोषित अपतटीय कंपनी नॉर्थ अटलांटिक ट्रेडिंग अनलिमिटेड है। इस कंपनी का बैंक ऑफ साइप्रस के साथ एक लिंक्ड बैंक खाता पाया गया। द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा सूचीबद्ध हाल ही में प्रकाशित “pandora papers” जांच में यह इकाई अनिल अंबानी से जुड़ी 18 संस्थाओं में से एक थी। इससे जाहिर है कि ये आईटी अधिकारियों के रडार पर पहले से ही थी।
अनिल अंबानी मामले में बीएमए 2015 की धारा 10(3) के तहत अंतिम मूल्यांकन आदेश पारित किया गया है, जिसके तहत एक आकलन अधिकारी सभी एकत्रित खातों, दस्तावेजों या साक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अंतिम आदेश पारित करता है। 2 वर्ष पहले फरवरी 2020 में अनिल अंबानी ने यूके की एक अदालत में बताया था कि वह दिवालिया हो चुके हैं और उनकी कुल संपत्ति ‘शून्य’ है।
एडीए समूह के अध्यक्ष के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए उत्तरों को अंतिम मूल्यांकन आदेश में आईटी अधिकारियों द्वारा दर्शाया गया है। इससे पहले रिलायंस एडीए समूह के अध्यक्ष को द इंडियन एक्सप्रेस और अन्य मीडिया समूहों के साथ साझेदारी में इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) द्वारा एक से अधिक अपतटीय जांच में शामिल किया गया था।