भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की कार्यशैली पर राय दी है। उन्होंने कहा कि दस सालों में बेरोजगारी को दूर करने के लिए अर्थव्यवस्था को प्रति वर्ष दस फीसदी की दर से बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है। स्वामी ने अपनी किताब ‘Reset: Regaining India’s Economic Legacy’ लॉन्च होने के अवसर पर कहा कि देश को सालाना दस फीसदी विकास दर की आवश्यकता है जिस तक पहुंचा जा सकता है। उनके मुताबिक, ‘हमारे पास इसके लिए क्षमता है। हमारे पास बहुत अधिक बचत दर है मगर इसे अक्षम रूप से इस्तेमाल किया जाता है।’
भाजपा सांसद ने अपने विचार सुझाते हुए कहा कि आज बेरोजगारी की उच्चतम दर को पूर्व गर्वनर रघुराम राजन के कार्यकाल के दौरान लागू की गई नीतियों को कार्यान्वित कर नीचे लाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘रघुराम राजन को हर कोई बहुत योग्य मानता था। मगर वह महज एक अर्थशास्त्री नहीं थे बल्कि वह एक वित्त (व्यक्ति) भी थे। अर्थशास्त्र में भी, यह मैक्रोइकॉनॉमिक्स था जिसे समझना महत्वपूर्ण था। रघुराम राजन का मानना है कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाना होगा।’
उन्होंने आगे कहा कि लेकिन इससे पूंजी की लागत बढ़ी औ कगार पर मौजूद कंपनियां ढह गईं। यही कारण है कि आज हम बढ़ी हुई बेरोजगारी दरें देख रहे हैं। स्वामी ने इस दौरान मोदी सरकार पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अज्ञानी या सच बोलने की हिम्मत नहीं रखने वालों का जमावड़ा रखा है।
बता दें कि कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने स्वामी द्वारा लिखी गई किताब का विमोचन किया। कितान में देश के आर्थिक विकास के अतीत की चर्चा की गई और भविष्य में आर्थिक विकास के समाधान बताए गए। किताब का विमोचन करते हुए खुद पूर्व राष्ट्रपति ने स्वामी के साथ अपने लंबे जुड़ाव का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि स्वामी जो महसूस करते हैं और जो विश्वास करते हैं वही बोलते हैं।