बॉम्बे हाईकोर्ट ने (Bombay High Court) सोमवार को आयकर विभाग (Income Tax Department ) को रिलायंस ग्रुप (Reliance Group) के चेयरमैन अनिल अंबानी (Anil Ambani) पर 17 नवंबर तक कोई भी दंड़ात्‍मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। आयकर विभाग ने काला धन अधिनियम के तहत जारी कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

इनकम टैक्‍स डिपॉर्टमेंट की ओर से 8 अगस्‍त, 2022 को अनिल अंबानी के खिलाफ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि अनिल अंबानी ने दो स्विस बैंक खातों में 814 करोड़ रुपये से अधिक का अघोषित राशि है। इसके साथ ही इन यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्‍होंने कथित रूप से 420 करोड़ रुपये की टैक्‍स चोरी भी की है।

आयकर विभाग ने कहा कि रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन ने जानबूझकर अपने विदेशी बैंक खाते के विवरण और इस धनराशि पर टैक्‍स के अधिकारियों का खुलासा नहीं किया। नोटिस में यह भी कहा गया है कि उस पर काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) 2015 के कर अधिनियम की धारा 50 और 51 के तहत आरोप लगाया गया है, जिसमें अधिकतम 10 साल की कैद और जुर्माना है।

आयकर विभाग के नोटिस भेजने के बाद इस महीने की शुरुआत में अनिल अंबानी ने नोटिस को चुनौती देते हुए बॉम्‍बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि काला धन अधिनियम 2015 में लागू किया गया था और कथित लेनदेन मूल्यांकन वर्ष 2006-2007 और 2010-2011 के हैं। अंबानी की ओर से वरिष्ठ वकील रफीक दादा ने कहा कि अधिनियम के प्रावधान पिछले तारीख से प्रभावी नहीं हो सकते।

वहीं आईटी विभाग की ओर से पेश अधिवक्ता अखिलेश्वर शर्मा ने याचिका पर जवाब देने के लिए समय मांगा। जस्टिस एसवी गंगापुरवाला और जस्टिस आरएन लड्ढा की खंडपीठ ने इसकी अनुमति दी और याचिका पर सुनवाई के लिए 17 नवंबर की तारीख तय की। ऐसे में कोर्ट ने कहा कि आयकर विभाग इस दौरान अंबानी पर अगली तारीख तक कारण बताओ नोटिस के तहत कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगा। पीठ ने आयकर विभाग को अंबानी के इस तर्क का जवाब देने के लिए भी कहा है।