गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) पर सरकार बदलाव करने जा रही है। सरकार “सिन और डिमेरिट गुड्स” पर विशेष 40 फीसदी टैक्स लगाने की तैयारी है। जिसमें पान मसाला, तंबाकू, सिगरेट, लग्जरी गाड़ियों के साथ ऑनलाइन गेमिंग को भी शामिल किया जा सकता है। सूत्रों ने जनसत्ता के सहयोगी संस्थान इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि रेवेन्यू विभाग ने वस्तुओं और सेवाओं को “सिन और डिमेरिट गुड्स” कैटेगिरी में रखते हुए देश के “सामाजिक मूल्यों” को ध्यान में रखा है और ऑनलाइन गेमिंग इस परिभाषा के अनुरूप प्रतीत होता है।
यदि यह कदम अंतिम रूप ले लेता है, तो इससे ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों (फ़ैंटेसी स्पोर्ट्स और रियल गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म) शामिल हैं, के बीच खलबली मचने की संभावना है।
इस क्षेत्र ने पहले भी काफी कम मांग दिखाई है, जब एक अक्टूबर, 2023 से GST दर 28% निर्धारित की गई थी। इससे पहले, कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां यह कहते हुए 28% टैक्स नहीं दे रही थीं कि कौशल आधारित खेलों और भाग्य आधारित खेलों के लिए अलग-अलग टैक्स दरें हैं।
आधिकारिक आँकड़े बताते हैं कि जुलाई 2023 में परिषद द्वारा 1 अक्टूबर, 2023 से ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ और कैसीनो पर एक समान 28% टैक्स लगाने के निर्णय के बाद GST रेवेन्यू में तेजी से ग्रोथ हुई।
ऑनलाइन गेमिंग से रेवेन्यू बढ़ा
पिछले सितंबर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि ऑनलाइन गेमिंग से रेवेन्यू “412% बढ़कर सिर्फ 6 महीनों में 6,909 करोड़ रुपये तक पहुंच गया… जबकि ऑनलाइन गेमिंग पर नोटिफिकेशन जारी होने से पहले यह 1,349 करोड़ रुपये था”। कैसीनो के लिए, उन्होंने कहा था कि रेवेन्यू में 30% की ग्रोथ हुई है, जो निर्णय से पहले 6 महीनों में 164.6 करोड़ रुपये से बढ़कर इस कदम के बाद इसी अवधि में 214 करोड़ रुपये हो गया।
ऑनलाइन गेमिंग के लिए उच्च GST दर की जरूरतों को नीति निर्माताओं का भी समर्थन मिल सकता है क्योंकि वे इन प्लेटफार्मों पर यूजर् द्वारा बिताए जा रहे समय की मात्रा पर चिंता जता रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप वे ऐसी गतिविधियों पर लगातार अधिक पैसा खर्च कर रहे हैं।
डिजिटल गेम्स पर UPI भुगतान औसतन 10,000 करोड़ रुपये से अधिक
हाल ही में मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा था कि ऑनलाइन गेम्स पर घरेलू खर्च “विशेष रूप से कम” नहीं है, यह बात भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा पहली बार UPI के जरिए विभिन्न कैटेगिरी के व्यापारियों को किए गए भुगतानों का मासिक डेटा जारी करने के कुछ दिनों बाद कही गई थी। आंकड़ों के अनुसार, 2025-26 के पहले 4 महीनों में डिजिटल गेम्स पर UPI भुगतान औसतन 10,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा आयोजित विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सांख्यिकी सलाहकारों के साथ एक बैठक में नागेश्वरन ने कहा, “…देखिए कि भारतीय हर महीने ऑनलाइन गेमिंग पर कितना खर्च कर रहे हैं और यह आँकड़ा कोई छोटा-मोटा नहीं है, यह 10,000 करोड़ रुपये प्रति माह है। यह (एक वर्ष में) 1.2 ट्रिलियन रुपये है।”