यदि आपने लोन लेकर कार खरीदा और बिना लोन की रकम चुकाए हुए उसे बेचना चाहते हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। बैंक कार लोन ट्रांसफर करने का विकल्प देती है। हालांकि, यह तब मिलता है, जब गाड़ी का मालिकाना हक भी ट्रांसफर किया जाता है। माईलोन केयर के सह-संस्थापक और सीईओ गौरव गुप्ता कहते हैं, “यद्यपि कार लोन ट्रांसफर करने का विकल्प है, लेकिन यह उतना आसान नहीं है।’
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, गौरव कहते हैं, “कार लोन ट्रांसफर करना एक जटिल प्रक्रिया है क्योंकि इसके लिए आपको वैसे खरीददार की खोज करनी पड़ती है, जो लोन पाने के योग्य हो। जिसका क्रेडिट और सिविल स्कोर अच्छा हो। साथ ही कार के रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस को नए खरीददार के नाम पर ट्रांसफर करना पड़ता है। लोन ट्रांसफर से जुड़ी रकम का मूल्यांकन सावधानी पूर्वक करना पड़ता है क्योंकि इसमें लोन ट्रांसफर के साथ-साथ रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर और कार इंश्योरेंस ट्रांसफर फीस तथा बैंक द्वारा ली जाने वाली प्रोसेसिंग फीस भी शामिल हो सकती है। इस वजह से लोन ट्रांसफर एक महंगा साबित होता है। ऐसे में खरीददार पुराने वाहन मालिक से भी अतिरिक्त खर्च वहन करने पर जोर देता है।”
इन बातों का रखें ध्यान:
* वर्तमान लोन एग्रीमेंट डिटेल को चेक करें- यदि किसी को कार लोन ट्रांसफर करना है तो सबसे पहले लोन एग्रीमेंट का डिटेल चेक कर लें क्योंकि लोन डॉक्टयूमेंट में ही यह लिखा होता है कि यह ट्रांसफर हो सकता है या नहीं। यदि आप खुद इसे पता नहीं कर सकते हैं तो अपने कर्जदाता (बैंक) से पता करें कि यह लोन ट्रांसफर किया जा सकता है या नहीं।
* नए खरीददार की विश्वसनीयता को परखें- जिस व्यक्ति को आप अपनी गाड़ी बेचने और लोन ट्रांसफर की योजना बना रहे हैं, उसके क्रेडिट हिस्ट्री को जरूर चेक करें। यह उसके बैंक अकाउंट डिटेल, इनकम प्रूफ, आवासीय पता, सिबिल स्कोर इत्यादि के माध्यम से पता किया जा सकता है। बैंक भी लोन ट्रांसफर करने से पहले नए खरीददार की क्रेडिट हिस्ट्री पता करता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह शेष पैसों को अदा कर सकता है।
* कार रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट ट्रांसफर- कार मालिक को नए खरीददार को लोन के साथ-साथ कार का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी ट्रांसफर करना पड़ता है। यह स्थानीय परिवहन कार्यालय (RTO) में जाकर होता है। यहां गाड़ी का मालिकाना हक दूसरे व्यक्ति के नाम पर किया जाता है। इसके लिए आरटीओ द्वारा एक निश्चित रकम शुल्क के तौर पर ली जाती है। एक बार कर्जदाता के द्वारा खरीददार के बारे में जांच परख होने और डॉक्यूमेंट प्रोसेस पूरा होने के बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नए व्यक्ति के नाम पर जारी हो जाता है।
* गाड़ी बीमा पॉलिसी ट्रांसफर- आप यह सुनिश्चित कर लें कि गाड़ी की बीमा पॉलिसी भी नए खरीददार के नाम पर ट्रांसफर हो जाए। ऐसा इस वजह से ताकि आपको आगे इंश्योरेंस प्रीमियम न देना पड़े। एक बार कार का रजिस्ट्रेशन अगले व्यक्ति के नाम पर हो जाता है तो संबंधित दस्तावेज जैसे लोन डॉक्यूमेंट, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट कॉपी इत्यादि बीमाकर्ता के पास जमा कर दें। बीमाकर्ता की मंजूरी के बाद गाड़ी का बीमा भी दूसरे के नाम पर ट्रांसफर हो जाएगा।