Patanjali Misleading Ads Case Hearing Today: पतंजलि आयुर्वेद मामले में अपनी सुनवाई का दायरा बढ़ाते हुए उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार (23 अप्रैल 2024) को एफएमसीजील(FMCG) कंपनियों के भ्रामक विज्ञापनों पर कड़ा रुख अपनाया और तीन केंद्रीय मंत्रालयों से जनता के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले इस तरह के चलन को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी। योगगुरु रामदेव और उनके सहयोगी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के बालकृष्ण ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ को बताया कि उन्होंने भ्रामक विज्ञापनों पर 67 समाचार पत्रों में बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगी है और वे अपनी गलतियों के लिए बिना शर्त माफी मांगते हुए अतिरिक्त विज्ञापन भी जारी करना चाहते हैं। पीठ ने कहा कि अखबारों में प्रकाशित सार्वजनिक माफी रिकॉर्ड पर नहीं है और यह दो दिन के भीतर दाखिल की जाए। इसने मामले में अगली सुनवाई के लिए 30 अप्रैल की तारीख निर्धारित की।

Live Updates

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12:19 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: 67 अखबारों में दिया पतंजलि ने माफीनामा

पतंजलि की तरफ से कोर्ट में बताया गया कि 67 अखबारों में माफीनामे का विज्ञापन छपा।

12:05 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: पहले भी तीन बार कोर्ट ठुकरा चुका है रामदेव की माफी

आज माफीनामा स्वीकार ना करने से पहले भी सुप्रीम कोर्ट तीन बार रामदेव और पतंजलि की तरफ से मांगी गई माफी को ठुकरा चुका है।

11:57 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: बड़े साइज़ में देना होगा माफीनामे का विज्ञापन

कोर्ट ने कहा कि बड़े साइज़ में माफीनामे का विज्ञापन दें ताकि लोगों को समझ में आए।

11:39 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: माफीनामा स्वीकार नहीं, अगली सुनवाई 30 अप्रैल को

सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव के माफीनामे को स्वीकार नहीं किया। अगली सुनवाई 30 अप्रैल को।

11:39 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: पतंजलि को विज्ञापन का साइज़ करना होगा बड़ा

सुप्रीम कोर्ट: मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी। अगली सुनवाई में रामदेव और बालकृष्ण को पेश होना होगा।

सुप्रीम कोर्ट: पतंजलि को विज्ञापन का साइज बड़ा करना होगा ताकि समझ आए। माफीनामे को हाईलाइट करते हुए।

11:38 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: किसी विशेष एजेंसी के खिलाफ नहीं कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने साफ करते हुए कि हम यहां किसी विशेष एजेंसी के ही खिलाफ नहीं है। यह एक जनहित याचिका है। यह जनता के हित में है। यह कानून के शासन की प्रक्रिया का हिस्सा है।

11:37 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: महंगी दवाइयां लिखने का दवाब डाला जाए तो जांच हो

सुप्रीम कोर्ट : मंत्रालयों को उपरोक्त कानूनों और डेटा के दुरुपयोग को रोकने के लिए उनके द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में हलफनामा दाखिल करना होगा, जो वर्तमान में 2018 के बाद की अवधि तक सीमित है।

सुप्रीम कोर्ट: जब भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा महंगी दवाइयां लिखने के लिए दबाव डाला जाता है तो उसकी बारीकी से जांच की जानी चाहिए।

11:36 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: अन्य FMGC भी जनता को भ्रमित करने वाले विज्ञापन कर रहे पब्लिश

सुप्रीम कोर्ट: केवल इस अदालत के समक्ष प्रतिवादियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अन्य एफएमसीजी (FMGC) भी जनता को भ्रमित करने वाले भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित कर रहे हैं, विशेष रूप से शिशुओं, स्कूल जाने वाले बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं… जो उनके उत्पादों का उपभोग कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट: ड्रग्स और जादुई उपचार अधिनियम आदि के दुरुपयोग को रोकने के लिए मंत्रालयों द्वारा उठाए गए कदमों की जांच करने के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय आदि को शामिल करना आवश्यक है।

11:31 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: IMA पर 1000 करोड़ के जुर्माने वाली याचिका पर सवाल-जवाब

सुप्रीम कोर्ट:एक और याचिका है। इसमें कहा गया है कि हम इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पर इस शिकायत को दाखिल करने के लिए 1000 करोड़ जुर्माना लगाएं। ऐसा लगता है कि ये आपकी तरफ से लगाई गई है मिस्टर रोहतगी।

मुकुल रोहतगी: मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट: हम इस एप्लीकेशन की टाइमिंग को लेकर चकित हैं। ये इंटरवेंशन की जगह इंटरलोपर (अनाधिकार प्रवेश करने वाला व्यक्ति) याचिका लग रही है। हमें यह याचिका देखने दीजिए और फिर जुर्माने पर आएंगे।

11:30 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: माफीनामे का नया विज्ञापन करना होगा पब्लिश

सुप्रीम कोर्ट: मामला केवल पतंजलि तक ही नहीं है, बल्कि दूसरे कंपनियों के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर भी चिंता जाहिर की है।

सुप्रीम कोर्ट: माफीनामे का नया विज्ञापन भी पतंजलि को प्रकाशित करना होगा। और उसे भी रिकॉर्ड पर लाना होगा

11:29 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा – आयुष मंत्रालय ने नियम 170 (राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण की मंजूरी के बिना आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी दवाओं के विज्ञापन पर रोक) को वापस लेने का फैसला क्यों किया? – क्या आपके पास यह कहने का अधिकार है कि मौजूदा नियम का पालन न करें? – क्या यह मनमाना नहीं है?

कोर्ट – क्या आपको प्रकाशित होने वाली चीज़ों की बजाय राजस्व की अधिक चिंता नहीं है?

सुप्रीम कोर्ट: पतंजलि की तरफ से बताया कि उनकी तरफ से माफीनामा प्रकाशित किया गया। हालांकि ये बात रिकॉर्ड पर नही है।

मुकुल रोहतगी ने कहा की आज ही वो इसे रिकॉर्ड पर डालेंगे।

11:28 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: कोर्ट रूम लाइव

सुप्रीम कोर्ट: IMA ने कहा की वो इस मामले में कंजूमर act को भी याचिका में शामिल कर सकते है। ऐसे में सूचना प्रसारण मंत्रालय का क्या? हमनें देखा है की पतंजलि मामले में टीवी पर दिखाया जा रहा है की कोर्ट क्या कह रहा है, ठीक उसी समय एक हिस्से में पतंजलि का विज्ञापन चल रहा है।

11:23 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: कोर्ट रूम लाइव

रामदेव, पतंजलि के वकील एडवोकेट मुकुल रोहतगी: हमने माफीनामा फाइल कर दिया है।

जस्टिस हिमा कोहली: इसे कल क्यों दाखिल किया। हम इस वक्त ये बंडल नहीं देख सकते हैं। इसे बहुत पहले भेज देना था।

जस्टिस अमानुल्लाह: इसे पब्लिश कहां किया है?

रोहतगी: 67 अखबारों में पब्लिश किया।

जस्टिस हिमा कोहली:आपके विज्ञापन जैसे रहते थे, वही साइज था इस ऐड का भी?

रोहतगी: नहीं, इसमें बहुत पैसा खर्च होता है। लाखों रुपए खर्च होते हैं।

जस्टिस हिमा कोहली: ठीक है।

11:12 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: माफीनामे पर कोर्ट

अदालत ने कहा कि ये उतने ही साइज का माफीनामा है जितना बड़ा आप विज्ञापन देते हैं?

11:12 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: पतंजलि ने कही सार्वजनिक माफीनामे की बात

पतंजलि के वकील की तरफ से कहा गया है कि हमने 67 अखबारों में हमने माफीनामा दिया है..

11:11 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: कोर्ट में हैं रामदेव और बालकृष्ण

योगगुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण कोर्ट मे मौजूद ।

11:10 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच

जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच कर रही है सुनवाई।

11:08 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: 9 अप्रैल को एफिडेविट हुआ था फाइल

पतंजलि आयुर्वेद द्वारा अपनी दवाओं के लिए ‘भ्रामक दावों’ और अदालत की अवमानना को लेकर सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई शुरू हुई।

11:01 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: 9 अप्रैल को एफिडेविट हुआ था फाइल

बता दें कि 9 अप्रैल को बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने नया एफिडेविट फाइल किया था। इसमें पतंजलि ने बिना शर्त माफी मांगी थी और अपनी गलती पर खेद जताते हुए कहा था कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।

10:42 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: 2 और 9 अप्रैल को भी पतंजलि की तरफ से मांगी गई माफी

पतंजलि आयुर्वेद ने 2 और 9 अप्रैल को भी कोर्ट में माफी मांगी थी। जिस पर कोर्ट ने कहा था कि ये सिर्फ खानापूर्ति है।

10:32 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दायर की है पतंजलि के खिलाफ याचिका

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की तरफ से 17 अगस्त 2022 को दायर की गई याचिका पर लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसके मुताबिक, पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ नकारात्मक प्रचार किया। वहीं पतंजलि की आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा भी किया।

10:11 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: योग शिविर टैक्स के दायरे में

21 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से कहा था कि अब उनके योग शिविर टैक्स के दायरे में आ गए हैं। स्वामी रामदेव के योग शिविरों का आयोजन करने वाली संस्था ‘पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट’ को अब सर्विस टैक्स का भुगतान करना होगा।

10:10 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: 22 अप्रैल को पतंजलि ने एक अखबार में दिया सार्वजनिक माफीनामा

सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणियों और फटकार के बाद पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से 22 अप्रैल को एक दैनिक समाचार पत्र में सार्वजनिक माफीनामा प्रकाशित किया गया। इसमें कहा गया है कि वो सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं। यह गलती दोबारा नहीं दोहराई जाएगी।

10:07 (IST) 23 Apr 2024
Patanjali Ads Case Live Update: पिछली बार रामदेव को नहीं मिली थी माफी

16 अप्रैल को रामदेव ने कोर्ट में कहा था कि किसी को भी गलत बताने का हमारा कोई इरादा नहीं था। आयुर्वेद को रिसर्च बेस्ड एविडेंस के लिए तथ्य पर लाने के लिए पतंजलि ने कोशिश की है। आगे से इसके प्रति जागरूक रहूंगा। कार्य के उत्साह में ऐसा हो गया, आगे से नहीं होगा। इस पर कोर्ट ने कहा था कि आप इतने मासूम नहीं हैं। ऐसा लग नहीं रहा है कि कोई हृदय परिवर्तन हुआ हो। आपको सात दिन का वक्त देते हैं। हम इस मामल को 23 अप्रैल को देखेंगे और आप दोनों उस दिन भी कोर्ट में मौजूद रहें।

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