बाबा रामदेव बीते 15 सालों में बतौर योग गुरु के अलावा एक सफल बिजनेसमैन साबित हुए हैं। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के सर्वेसर्वा के पास वह सब कुछ है, जिसके लिए बड़े-बड़े क्या कुछ नहीं करते। खास बात है कि मौजूदा समय में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो, जो उनसे और उनके समूह से अछूता हो। वरना लगभग हर सेक्टर में उनकी पहुंच है। फिर चाहे वह कृषि हो या शोध…स्वास्थ्य क्षेत्र से लेकर एफपीओ में भी उनकी एंट्री हो गई है। इतना ही नहीं, मीडिया में भी दखल रखते हैं और आज उनके 17 चैनल चलते हैं। जिस पतंजलि की छवि एक आयुर्वेदिक दवा बनाने वाली कंपनी की थी, वह देखते ही देखते चंद वर्षों में एक बड़ी एफएमसीजी कंपनी बन गई।

दवा से मीडिया तक फैला कारोबार: हिंदी मीडिया चैनल को दिए साक्षात्कार में जब एंकर ने बाबा रामदेव से पूछा कि क्या ऐसा कोई क्षेत्र है जहां बाबा रामदेव अछूता रखेंगे। इस पर बाबा रामदेव ने जवाब दिया कि उनकी कंपनी मीडिया में भी है उनके 17 धार्मिक चैनल हैं। इसके साथ उनकी कंपनी कृषि, रिसर्च, इंडस्ट्री, शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र और पॉलिटिकल अवेयरनेस आदि क्षेत्रों में भी कार्य कर रही है। आगे उन्होंने बताया कि रुचि सोया के जरिए वह देश में हजारों एकड़ में पाम तेल के उत्पादन के लिए पेड़ लगा रहे हैं।

देश में दूसरे नंबर पर पतंजलि समूह: बाबा रामदेव ने बताया कि पतंजलि समूह का पूरा कारोबार करीब 35 हजार करोड़ रुपए का है जो इसे देश की दूसरी सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी बनाता है। वित्त वर्ष 2020-21 में रुचि सोया को मिलाकर पतंजलि समूह का पूरा कारोबार करीब 30 हजार करोड़ रुपए का था।

कर्ज मुक्त होगी रुचि सोया: पतंजलि समूह की कंपनी रुचि सोया शेयर बाजार से 4300 करोड़ रुपए एफपीओ के जरिए जुटा रही है। इस एफपीओ से मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल कंपनी को कर्ज मुक्त करने और कंपनी के व्यापार को आगे बढ़ाने में किया जाएगा। इसके साथ रुचि सोया को देश की सबसे बड़ी फूड कंपनी बनाने के लिए बाबा रामदेव ने पतंजलि का सारा फूड बिजनेस रुचि सोया को हस्तांतरित करने का फैसला किया है।

बाबा रामदेव की संपत्ति: पतंजलि आयुर्वेद की मालिकाना हक बाबा रामदेव के पास नहीं बल्कि पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण के पास है। फोर्ब्स के अनुसार उनके पास कंपनी के करीब 98.5 फीसदी शेयर है। आचार्य बालकृष्ण की अनुमानित संपति करीब 2.5 बिलियन डॉलर है जबकि बाबा रामदेव की संपत्ति शून्य है।