योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद का कहना है कि उसने कोरोना वायरस के इलाज के लिए क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है। कंपनी ने कहा कि उसने अथॉरिटीज से अप्रूवल हासिल करने के बाद इंसानों पर ट्रायल शुरू किया है। कोरोना संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित इंदौर और जयपुर शहरों में यह क्लिनिकल ट्रायल पिछले सप्ताह मंजूरी मिलने के बाद शुरू किया गया है। पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हम कोरोना से निपटने के लिए सिर्फ इम्युनिटी पावर बढ़ाने की ही बात नहीं कर रहे हैं बल्कि इलाज के बारे में भी चर्चा कर रहे हैं।
पतंजलि आयुर्वेद देश भर में तेजी से हर्बल उत्पादों और एफएमसीजी प्रोडक्ट्स के मामले में विस्तार कर रही है। कोरोना से निपटने के लिए दवा बनाने में जॉनसन ऐंड जॉनसन, मॉडर्ना, Gilead साइंसेज, Pfizer और GlaxoSmithKline जैसी दिग्गज कंपनियां जुटी हुई हैं। ऐसे में इस रेस में पतंजलि का भी शामिल होना अहम है।
करीब 10,000 करोड़ रुपये सालाना के टर्नओवर वाली बाबा रामदेव की इस कंपनी से लगभग 50,000 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। मनी कंट्रोल के मुताबिक आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि मार्च में हमने हजारों लोगों का इलाज किया किया था, लेकिन वे क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा नहीं थे। इसलिए हमने अपनी खोज को इलाज के तौर पर रजिस्टर्ड कराने के लिए क्लिनिकल ट्रायल करने का फैसला लिया है।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी मिलना आसान नहीं था। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ऐसी अनुमति देने का इच्छुक नहीं था, इसलिए हमने क्लिनिकल ट्रायल्स रेग्युलेटर ऑफ इंडिया से मंजूरी ली और जयपुर यूनिवर्सिटी के एक विभाग के साथ यह काम शुरू किया। पतंजलि से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कंपनी के पास सभी तरह के टेस्ट के लिए पर्याप्त सुविधाएं मौजूद हैं। कंपनी के पास तीन लैब हैं, जिनमें से एक लैब विशेष तौर पर कोरोना की जांच के लिए ही है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि की भारत में स्थित किसी भी आयुर्वेद कंपनी और संस्थान से तुलना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हमारी लैब बेहतर हैं और 500 के करीब रिसर्चर हमारे पास हैं।