कोरोना के संकट से पहले से ही सुस्ती के दौर से जूझ रहे ऑटो सेक्टर की चिंताएं अब और गहरी हो गई है। देश भर के ऑटोमोबाइल डीलर्स ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर दखल देने और राहत पहुंचाने की मांग की है। ऑटो डीलर्स ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा कि इंडस्ट्री को ब्याज की दर में 4 पर्सेंट की छूट लॉकडाउन खत्म होने के 9 महीने बाद तक मिलनी चाहिए। इसके अलावा 20 फीसदी के अतिरिक्त ओवरड्राफ्ट की मांग भी 6 महीनों के लिए की गई है। यही नहीं ऑटो डीलर्स ने वाहनों की खरीद पर जीएसटी में कमी करने और ऑटोमोबाइल सेक्टर को प्राथमिकता वाला क्षेत्र घोषित किए जाने की मांग की है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स के प्रेसिडेंट आशीष हर्षराज काले ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति हमारे कई सदस्यों और कर्मचारियों के लिए जीवन-मरण का प्रश्न बन चुकी है। इनमें से ज्यादातर ऐसे हैं, जो छोटे स्तर पर फैमिली बिजनेस करते रहे हैं। बीते 15 महीनों में हम गंभीर संकट से जूझ रहे थे और यह संकट अब और बढ़ गया है।’ उन्होंने कहा कि यदि सरकार की ओर से कोई मदद नहीं की गई तो यह संकट हमारे अस्तित्व के लिए बड़ी चुनौती बन जाएगा। बीते कई सालों में ऑटो डीलरशिप का बिजनेस बेहद महंगा हो गया है। लागत बढ़ी है, लेकिन लाभ में लगातार कमी देखने को मिली है।

बता दें कि वित्त वर्ष 2020 में ऑटो सेक्टर की सेल में 18 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिली है, जो बीते दो दशकों में सबसे ज्यादा है। इंडस्ट्री से जुड़े संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स का अनुमान है कि सेल में 20 पर्सेंट से ज्यादा की गिरावट आ सकती है। इंडस्ट्री का कहना है कि इतनी जबरदस्त गिरावच के दौर में ऑटो डीलर्स को बड़ा संकट झेलना पड़ेगा, जो पहले ही BS IV तकनीक से BS VI के बदलाव में बड़े खर्च से परेशान हैं। काले ने पीएम के नाम लिखे पत्र में कहा, ‘ऑटो सेक्टर बीते 15 महीने से लगातार जारी गिरावट के दौर से उबरने की कोशिशों में जुटा ही था कि कोरोना का संकट आ गया।’

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