सरकार ने बुधवार को कहा कि देश में परमाणु ऊर्जा के उत्पादन के लिए कच्चे माल की मौजूदा भंडारण क्षमता पर्याप्त है और अगले 10 सालों में परमाणु ऊर्जा क्षमता को दोगुणा करने की योजना है। लोकसभा में चंद्रप्रकाश जोशी के सवाल के जवाब में कार्मिक, लोक शिकायत व प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश में परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए जरूरी कच्चे माल की सामग्री के भंडारण के लिए सुविधाएं निर्मित की गई हैं। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ सालों में सत्ता में आने के बाद देश में परमाणु ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने के लिए काफी प्रयास किए गए हैं और इसमें काफी वृद्धि हुई है।

सिंह ने कहा कि देश में कच्चे यूरेनियम का भंडार 2.25 लाख टन है। हम परमाणु ऊर्जा की क्षमता को 10 साल में दो गुणा करना चाहते हैं और इस मकसद से काम कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि परमाणु ऊर्जा ऐसा विषय है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खास रुचि ले रहे हैं। प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं के दौरान भी इस पर जोर दिया गया और इसका लाभ भी मिला है। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री की कनाडा यात्रा के दौरान पांच हजार मीट्रिक टन और कजाखस्तान की यात्रा के दौरान सात हजार मीट्रिक टन यूरेनियम आपूर्ति का समझौता हुआ।

ऑस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान परमाणु करार को अंतिम रूप दिया गया जो काफी समय से लंबित था। फ्रांस की यात्रा के दौरान एरिना कंपनी के साथ समझौते को अंतिम रूप दिया गया। इसके साथ ही परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में भारत, बांग्लादेश की भी मदद कर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत थोरियम का समृद्ध स्रोत है लेकिन इसके लिए उच्च क्षमता के प्रौद्योगिकी की जरूरत होती है और इस दिशा में काम चल रहा है।