वित्त मंत्री अरुण जेटली ने काले धन पर अंकुश के लगाने के लिए कुछ और कदम उठाए जाने का संकेत देने के साथ ही, ईमानदार करदाताओं को आश्वस्त किया है कि उन्हें विदेश में जमा गैरकानूनी धन वापस लाने के लिए हाल में बनाए गए नए कानून से घबराने की जरूरत नहीं है। यदि कर का आधार बढ़ता है, कर संग्रह बढ़ता है तो ईमानदार करदाताओं को दरों के संबंध में रियायत देने की सरकार की क्षमता भी बढ़ती है।
राजधानी में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के शीर्ष अधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि समानांतर अर्थव्यवस्था को कुचलने की जरूरत है और यह काम बहुत उचित तरीके से करना है न कि कटु तरीके से। वरिष्ठ अधिकारी होेने के नाते यह काम करते समय आपको ईमानदारी के सर्वश्रेष्ठ स्तर को बरकरार रखना है। विदेश में जमा कालेधन को वापस लाने से जुड़े नए कानून के संबंध में उन्होंने कहा कि किसी ईमानदार करदाता को इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है। इसके निशाने पर सिर्फ वे हैं जिन्होंने विदेश में काला धन व संपत्ति जमा की है, या जो कानून के अनुपालन की अनिवार्यता की उपेक्षा करना चाहते हैं।
जेटली ने कहा कि विभाग अपनी नीति लाएगा जिसके तहत जिनकी विदेश में संपत्ति है उन्हें बाहर जमा संपत्ति पर कर के अनुपालन के लिए सुविधा दी जाएगी। सिर्फ वही डरें जिन्होंने अतीत में नियमों का उल्लंघन किया है और जो अनुपालन के लिए दी जाने वाली अवधि में भी कानून का उल्लंघन करेंगे। काले धन की मात्रा पर नियंत्रण के संबंध में कुछ पहल की घोषणा की जा चुकी हैं और कुछ की घोषणा की जा सकती है। यदि दायरा बढ़ता है और जिन्हें कर अदा करना है वे भुगतान के लिए मजबूर होंगे।
सरकार की ईमानदार करदाताओं को रियायत देने की क्षमता बढ़ेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि कर संग्रह बढ़ने पर सरकार सामाजिक व बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं पर खर्च बढ़ाने और व्यक्तिगत करदाताओं को राहत प्रदान करने की स्थिति में होगी। उन्होंने कर अधिकारियों से कहा कि हर नेक मंशा वाला सलाहकार आपसे कहेगा कि कर का आधार बढ़ना चाहिए। काला धन खत्म किया जाना चाहिए और साथ ही यदि आप ऐसा करने के लिए कदम उठाते हैं तो आपको उन सख्त कार्रवाई पर तंज भी सुनने होते हैं।
मंत्री ने कहा कि सरकार ने काले धन की समस्या से निपटने के लिए कई पहल की हैं। इनमें संसद द्वारा काला धन कानून पारित करना और घरेलू गैरकानूनी संपत्ति से निपटने के लिए बेनामी सौदा (निषेध) अधिनियम का पेश किया जाना शामिल है।