स्वीडन की टेलीकॉम सेक्टर की दिग्गज कंपनी एरिक्सन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके बाद कंपनी 1 अरब डॉलर से ज्यादा की रकम जुर्माने के रुप में भरेगी। बता दें कि एरिक्सन कंपनी ही भारतीय कारोबारी अनिल अंबानी के लिए सिरदर्द बनी थी। एरिक्सन के चलते ही अनिल अंबानी के जेल जाने की नौबत आ गई थी। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने ऐलान किया है कि एरिक्सन जुर्माने के तौर पर 1 अरब डॉलर से ज्यादा की रकम देने के लिए तैयार हो गई है।
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक एरिक्सन ने 5 देशों में अपने बिजनेस को मजबूत करने के लिए सालों तक भ्रष्टाचार का सहारा लिया। कंपनी ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया है। हालांकि जुर्माने को लेकर कंपनी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। एरिक्सन दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल नेटवर्क उत्पाद निर्माता कंपनी है। माना जा रहा है कि यह फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (FCPA) के तहत अभी तक का सबसे बड़ा जुर्माना है।
बीबीसी की एक खबर के अनुसार, इस जुर्माने में से 520 मिलियन डॉलर बतौर क्रिमिनल पेनल्टीज के थे, जबकि 540 मिलिनय डॉलर सिक्टोरिटीज एंड एक्सचेंज कमिशन के थे। जिन देशों में एरिक्सन पर धांधली करने के आरोप लगे हैं, उनमें जिबूती, चीन, वियतनाम, इंडोनेशिया और कुवैत शामिल हैं।
बता दें कि एरिक्सन का अनिल अंबानी की दिवालिया हो चुकी कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशंस पर 550 करोड़ रुपए बकाया था। तय समय पर बकाया रकम नहीं मिलने पर एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक तय समय पर अनिल अंबानी की कंपनी को बकाया रकम वापस करने के निर्देश दिए।
जब अनिल अंबानी तय समय पर भी बकाया रकम नहीं चुका सके तो कोर्ट ने इसे अवमानना मानते हुए अनिल अंबानी को बकाया रकम जमा करने या फिर जेल भेजने के निर्देश दिए। इस दौरान अनिल अंबानी के भाई और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने बकाया 550 करोड़ रुपए चुकाकर अनिल अंबानी को जेल जाने से बचाया था।