कर्ज के बोझ तले दबे अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दरअसल अनिल अंबानी अपनी कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशंस के स्पेक्ट्रम बेचकर अपना कर्ज चुकाने की योजना बना रहे थे, लेकिन कंपनी के खिलाफ जारी दिवालिया प्रक्रिया के चलते अनिल अंबानी की यह योजना भी खटाई में पड़ती नजर आ रही है। बता दें कि जो कंपनी रिलायंस टेलीकम्यूनिकेशंस के स्पेक्ट्रम को नीलामी के दौरान खरीदेगी, उसे टेलीकॉम डिपार्टमेंट के स्पेक्ट्रम से संबंधी रकम का भुगतान करना होगा। रिलायंस कम्यूनिकेशंस के स्पेक्ट्रम की कीमत 7300 करोड़ रुपए आंकी गई है। इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि रिलायंस कम्यूनिकेशंस अपने फाइबर और टॉवर को नीलामी से अलग बेच सकती है, लेकिन कोई भी कंपनी इन्हें खरीदकर टेलीकॉम विभाग के साथ कानूनी लड़ाई में नहीं फंसना चाहेगी। ऐसे में संभव है कि आगामी नीलामी के दौरान कोई ऑपरेटर इन स्पेक्ट्रम को 20 साल के लिए लीज पर ले ले।

डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशंस का कहना है कि स्पेक्ट्रम पर अधिकार सरकार का है और इन्हें किसी ऑपरेटर को सिर्फ 20 साल के लिए लीज पर ही दिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि रिलायंस कम्यूनिकेशंस ने इससे पहले अपने स्पेक्ट्रम और टॉवर को रिलायंस जियो इन्फोकॉम को बेचने की योजना बनायी थी। लेकिन डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशंस ने इस सौदे को मंजूरी नहीं दी थी, क्योंकि रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने DoT का भुगतान करने से इंकार कर दिया था। DoT के भुगतान में उसके एरियर, स्पेक्ट्रम इस्तेमाल करने के चार्ज, वन टाइम स्पेक्ट्रम फीस और बैंक गारंटी शामिल होती है।

बीते दिनों खबर आयी थी कि अनिल अंबानी कर्ज चुकाने के लिए मुंबई स्थित अपना हेडक्वार्टर बेचने की कोशिशों में जुटे हैं। अनिल अंबानी इस सौदे के लिए कुछ वैश्विक निजी इक्विटी फर्म के साथ बातचीत कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस सौदे से अनिल अंबानी को 1500 से 2000 करोड़ रुपए तक मिल सकते हैं। अनिल अंबानी दक्षिणी मुंबई स्थित अपने बैलार्ड एस्टेट ऑफिस में वापस शिफ्ट होने की योजना बना रहे हैं।