अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की कंपनियां बिक्री प्रक्रिया से गुजर रही हैं। वहीं, देश के कई बड़े बैंकों ने समूह की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन के बैंक अकाउंट को फ्रॉड करार कर दिया है।

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक इन बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड के बैंक अकाउंट को भी फ्रॉड करार दिया गया है। रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड RCom की 100 फीसदी सब्सिडियरी है। बहरहाल, बैंकों ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब हाल ही में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने रिलायंस इंफ्राटेल के रेजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दी है।

आपको बता दें कि रिलायंस जियो ने इंफ्राटेल के रिजॉल्यूशन प्लान दिया था, जिसे NCLT ने मंजूरी दे दी है। इस प्लान के तहत रिलायंस इंफ्राटेल के देशभर में 43,000 टॉवर और 1,72,000 किलोमीटर की फाइबर लाइन पर जियो का कब्जा होगा। मतलब ये कि मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो इस संपत्ति का अधिग्रहण करेगी।

जियो की भी बढ़ी टेंशनः बीते कुछ महीनों में तेजी से बदलते घटनाक्रम की वजह से रिलायंस जियो की टेंशन बढ़ गई है। एक तरफ किसान आंदोलन में जियो को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर प्रतिस्पर्धी कंपनी एयरटेल ने ग्राहकों को जोड़ने के मामले में लगातार दूसरी बार जियो को पछाड़ दिया है।

करीब 4 साल में दूसरी बार है जब जियो पिछड़ी है। बता दें कि साल 2016 में जियो ने टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री ली थी। इसके बाद से जियो का विस्तार होता गया और इस वजह से अधिकतर टेलीकॉम कंपनियों को कारोबार समेटने की नौबत आ गई। फिलहाल, इंडस्ट्री में रिलायंस जियो की मुख्य प्रतिस्पर्धी कंपनियां एयरटेल और वोडाफोन आइडिया हैं।