कर्ज के बोझ तले दबे अनिल अंबानी की चार कंपनियों के संपत्ति बिक्री होने होने वाली है। ये चार कंपनियां-रिलायंस जनरल इंश्यारेंस, रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस फाइनेंशियल लिमिटेड और रिलायंस एसेट रिकंस्ट्रक्शन लिमिटेड हैं। ये सभी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (आरसीएल) की सब्सिडरी कंपनी हैं। वहीं, आरसीएल, अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की इकाई है।

खरीदारों के लिए 17 दिसंबर तक मौका: इन कंपनियों में पूरी या कुछ हिस्सेदारी बेचने के लिए 1 दिसंबर तक बोलियां आमंत्रित की गई थीं। अब बोली जमा करने की तारीख बढ़ाकर 17 दिसंबर कर दी है। मतलब ये कि अनिल अंबानी की कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने वालों को 17 दिसंबर तक रुचि पत्र यानी एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EoI) जमा करना होगा। इस पत्र के जरिए ये मालूम होता है कि कौन-कौन सी कंपनियां या निवेशक बोली लगाने को इच्‍छुक हैं।

यही वजह है कि जब भी कोई बिक्री होती है तो सबसे पहले रुचि पत्र मंगाए जाते हैं। रिलायंस समूह की इन कंपनियों के लिए अब तक 60 अलग-अलग बोलियां प्राप्त हुई हैं। आपको बता दें कि कमेटी ऑफ डिबेंचर होल्डर्स की अगुवाई में आरसीएल की सब्सिडरी कंपनियों में हिस्सेदारी बेची जा रही है।

कंपनी के ऊपर करीब 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। बिक्री से मिले पैसे से कर्जदाता बैंक अपने कर्ज की रिकवरी करेंगे। एसबीआई कैप्स और जेएम फाइनेंशियल को कंपनी के लिए खरीदार ढूंढने की जिम्मेदारी दी गई है।

हाल ही में अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल ने एचडीएफसी लिमिटेड और एक्सिस बैंक के टर्म लोन को डिफॉल्ट कर दिया है। कंपनी के मुताबिक कानूनी दिक्कतों की वजह से वह 31 अक्टूबर को एचडीएफसी को 4.77 करोड़ रुपये और ऐक्सिस बैंक को 0.71 करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान करने में नाकाम रही है। बता दें कि रिलायंस कैपिटल को एचडीएफसी का कुल 524 करोड़ और एक्सिस बैंक का 101 करोड़ रुपए चुकाना है।