रिलायंस ग्रुप के मुखिया अनिल अंबानी अपने कर्ज को कम करने में जुटे हैं। वहीं, कुछ मोर्चों पर अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। बीते कुछ दिनों में कोर्ट के दो ऐसे फैसले आए हैं, जिससे अनिल अंबानी को भी बड़ा नुकसान होने की आशंका है।
पहला फैसला: पहला फैसला स्विटजरलैंड की कोर्ट ने सुनाया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस फैसले के तहत अनिल अंबानी और उनके परिवार के स्विस बैंक अकाउंट की जानकारी भारत के साथ साझा करने का आदेश दिया गया। इसके तहत स्विस बैंक खातों में अप्रैल 2011 से सितंबर 2018 तक हुए लेन-देन की जानकारी भारत सरकार को साझा की जाएगी।
आपको बता दें कि भारत ने अनिल अंबानी और उनके परिवार की जानकारी स्विटजरलैंड से मांगी थी लेकिन नहीं मिलने की स्थिति में मामला स्विट्जरलैंड की सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि, साल 2015 में जब ये मामला सामने आया तो अनिल अंबानी ने स्विस बैंक में अकाउंट होने की बात सिरे से खारिज कर दी।
नया फैसला: बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट के फैसले के बाद आईबीसी के तहत कंपनियों के साथ उन्हें कर्ज के लिये व्यक्तिगत गारंटी देने वाले के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि न्यायालय के इस फैसले से आईबीसी के तहत अब अधिक मामलों के समाधान हो सकेंगे और वसूली राशि बढ़ेगी।
शीर्ष अदालत ने इस फैसले के साथ केंद्र के 15 नवंबर, 2019 की अधिसूचना को बरकरार रखा जिसमें कंपनी कर्जदारों को व्यक्तिगत गारंटी देने वालों को आईबीसी के दायरे में लाया गया था। (ये पढ़ें-मुकेश अंबानी से ज्यादा है इन दो भाइयों की सैलरी, रिलायंस में मिली है बड़ी जिम्मेदारी)
यह फैसला काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि अब कई बड़े उद्योगपतियों को अपनी कर्ज में डूबी कंपनियों के साथ कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इसमें अनिल अंबानी भी शामिल हैं। आपको बता दें कि अनिल अंबानी की कई कंपनियां इस जाल में फंसी हुई हैं। (ये पढ़ें-जब जेपी ग्रुप से अचानक टूट गई अनिल अंबानी के कंपनी की डील, बताई थी ये वजह)
कर्ज में डूबे अनिल अंबानी: रिलायंस ग्रुप के मुखिया अनिल अंबानी कर्ज में डूबे हुए हैं। अनिल अंबानी की कंपनी-रिलायंस कैपिटल, रिलायंस होम फाइनेंस, रिलायंस कम्युनिकेशन समेत कई कंपनी बिक्री प्रक्रिया से गुजर रही हैं। इस साल रिलायंस इंफ्रा की कुछ संपत्तियों की बिक्री कर अनिल अंबानी ने कर्ज कम किया है। हालांकि, अब भी राह आसान नहीं है।