वैसे तो अनिल अंबानी की अधिकतर कंपनियां या तो कर्ज के जाल में फंसी हैं या बिक्री प्रक्रिया से गुजर रही हैं। इन्हीं कंपनियों में से एक रिलायंस कैपिटल भी है। रिलायंस कैपिटल के अधीन आने वाली कई कंपनियों की संपत्ति बिक्री की प्रक्रिया चल रही है। आज हम आपको बताएंगे कि रिलायंस कैपिटल में अनिल अंबानी के सबसे भरोसेमंद कौन हैं।
कौन है सबसे भरोसेमंद: दरअसल, रिलायंस कैपिटल की डायरेक्टर्स की बोर्ड में धनंजय तिवारी हैं। धनंजय तिवारी कंपनी के डायरेक्टर के अलावा सीइओ भी हैं। रिलायंस कैपिटल के सीईओ धनंजय तिवारी लंबे समय से अनिल अंबानी के साथ जुड़े हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग (मैकेनिकल) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है और एमबीए की भी पढ़ाई की है। वित्तीय सेवा क्षेत्र के क्षेत्र में अनुभव 25 साल से ज्यादा का है। धनंजय तिवारी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, प्रोडक्ट रिस्क, क्रेडिट रिस्क, एंटरप्राइज रिस्क मैनेजमेंट आदि के क्षेत्र में काम कर चुके हैं।
वह रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक भी हैं। रिलायंस में शामिल होने से पहले उन्होंने विक्टर फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के लिए काम किया था। धनंजय तिवारी एचडीएफसी बैंक लिमिटेड और कोटक महिंद्रा समूह के साथ भी काम कर चुके हैं।
आपको बता दें कि रिलायंस कैपिटल घाटे वाली कंपनी है। दिसंबर 2020 तिमाही में कंपनी का घाटा बढ़कर 4018 करोड़ रुपये हो गया था जबकि एक साल पहले दिसंबर 2019 तिमाही में उसे 135 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। वहीं, खर्च 8662 करोड़ रुपये का था जो उसके पिछले साल 4731 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना था। हाल ही में रिलायंस कैपिटल कर्ज के भुगतान से चूक गई है। (ये पढ़ें-इस कंपनी को हो गया 500 करोड़ का बड़ा नुकसान, मुकेश अंबानी ने लगाया है दांव)
इस कंपनी की बढ़ी इनकम: रिलायंस कैपिटल के अधीन निप्पन लाइफ इंश्योरेंस की नये कारोबार से कुल प्रीमियम आय बीते वित्त वर्ष में 12.8 प्रतिशत बढ़कर 1,135 करोड़ रुपये रही। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी की नये कारोबार से प्रीमियम आय 1,006 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी का शुद्ध लाभ 43.41 प्रतिशत बढ़कर 50.28 करोड़ रुपये रहा।
एक साल पहले 2019-20 में कंपनी को 35 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस, रिलायंस कैपिटल के अधीन है। ये कंपनी जापान की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी निप्पन लाइफ की ज्वाइंट वेंचर है, जिसकी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।