कर्ज में डूबी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड का अधिग्रहण अरबपति अनिल अग्रवाल की कंपनी करेगी। वित्तीय लेनदारों को समाधान योजना के मुताबिक कंपनी के साथ समूह की 11 कंपनियों के विलय से बनने वाली नई कंपनी में 8 प्रतिशत इक्विटी मिलेगी।
अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल की ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीस इंडिया लिमिटेड की स्वीकृत योजना के अनुसार दिवालिया- वीडियोकॉन समूह की वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीएएल) और वैल्यूज इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीएआईएल) की शेयर बाजार से सूचीबद्धता समाप्त होगी। इसके बाद वीएआईएल सहित समूह की सभी 11 कंपनियां को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड में मिला दिया जाएगा। इन सभी के लिए एक संयुक्त दिवाला समाधान प्रक्रिया चलाई गई थी।
3 हजार करोड़ में अधिग्रहण: बता दें कि दिवालियापन मामलों की अदालत एनसीएलटी ने ट्विन स्टार को 3,000 करोड़ रुपये में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण करने की मंजूरी दे दी है। वेदांता ग्रुप की कंपनी ट्विन स्टार 90 दिनों के भीतर करीब 500 करोड़ रुपये का एडवांस पेमेंट करेगी और बाकी धनराशि का भुगतान कुछ समय के भीतर नॉन डिबेंचर रिणपत्रों के रूप में करेगी।
1986 में हुई थी शुरुआत: साल 1986 में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज की शुरुआत हुई थी। इसके बाद यह भारत की पहली कंपनी बनी जिसे रंगीन टीवी बनाने का लाइसेंस मिला। इसके कुछ साल बाद 1990 में कंपनी ने अपने पोर्टफोलिया का विस्तार किया और एसी, वॉशिंग मशीन और रेफ्रीजेरेटर्स बनाने लगी। करीब तीन दशक बाद साल 2020 में ग्रुप ने ऑयल एंड गैस, टेलीकॉम, रिटेल और डीटीएच टीवी में कदम रखा।
बता दें कि वीडियोकॉन को खरीदने वाले वेदांता समूह के मुखिया अनिल अग्रवाल की दौलत 4.5 बिलियन डॉलर के करीब है। अनिल ने महज 15 साल की उम्र में अपने पिता के बिजनेस के लिए स्कूल छोड़ दिया और पहले पुणे और फिर मुंबई आ गए थे। इसके बाद से ही कारोबार का विस्तार किया। आज वेदांता समूह भारत समेत दुनियाभर में कारोबार का विस्तार कर चुका है। (ये पढ़ें-मुकेश अंबानी से ज्यादा है इन दो भाइयों की सैलरी, रिलायंस में मिली है बड़ी जिम्मेदारी)

