दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आवास के बाहर बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ के आह्वान पर किया गया। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार से सरकारी कर्मचारियों के तौर पर मान्या सहित वेतन वृद्धि की मांगी की। वहीं दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मुख्यमंत्री आवास से कुछ मीटर पहले ही रोक लिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गए और विरोध करने लगे।
इतने रुपये मानदेय करने की मांग – वर्तमान में दिल्ली के आंगनवाड़ी केंद्रों में लगभग 22 हजार कार्यकर्ता और सहायिका कार्यरत हैं। जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 9,678 रुपये मासिक मानदेय और सहायिकाओं को 4,839 रुपये का मानदेय मिलता है। ये मानदेय 2017 में हड़ताल के बाद क्रमश: 5000 रुपये और 2,500 रुपये से बढ़ाया गया था। वहीं प्रदर्शनकारियों की मांग है कि, आंगनवाड़ी कार्यकताओं को 25 हजार रुपये और हेल्पर्स को 20 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाए।
2013 से आंगनवाड़ी केंद्रों में काम करने वाले 40 वर्षीय कार्यकर्ता ने बताया कि, हम विभाग के लिए जमीनी स्तर पर काम करते है और अपने कर्तव्यों का पालन करते है। उन्होंने बताया कि, कोरोना महामारी की शुरुआत में जब सभी लोग घरों में थे तो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने पके भोजन और पूरक पोषण के बदले घरों में जाकर राशन की डिलीवरी की थी।
15 साल से आंगनवाड़ी में काम करने वाली महिला ने बताया कि महीने में दो बार हर घर में राशन बांटने जा रहे हैं। कई बार शाम को 6-7 बजे तक काम करते हैं। इसके अलावा घर-घर जाकर कोरोना टीकारण की जानकारी एकत्रित करते हैं। जिससे पता चलता है कि, कौन-कौन से घर में कितने लोग टीकारण से बचे हुए हैं उसकी जानकारी इखट्ठा करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि, सरकार द्वारा दिए जाने वाले सभी सर्वेक्षण को हम पूरा करते हैं और हमें कोई चिकित्सा सहायता भी नहीं दी जाती यहां तक कि, मास्क और सैनिटाइजर भी नहीं दिया जाता।
सहेली समन्वय केंद्र रोज 2 घंटे ज्यादा करते हैं काम – 46 वर्षीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि, हमारे काम करने का समय सुबह 9 बजे से शुरू होकर दोपहर 2 बजे तक का है। लेकिन जिन लोगों की ड्यूटी सहेली समन्वय केंद्र पर है वे सभी शाम 4 बजे तक काम करती है। साथ ही उन्होंने कहा कि, समान वेतन पर रोजाना 2 घंटे ज्यादा काम करना पड़ता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि, महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह की बैठकें आयोजित करने और उन्हें काम करने के लिए प्रेरित भी करते हैं।