आनंद महिंद्रा आज भले ही ऑटो सेक्टर के दिग्गज कारोबारियों में से एक हैं, लेकिन उनका पहला सपना आंत्रप्रेन्योर बनना नहीं था। दरअसल वह बिजनेस में आने से पहले फिल्मी दुनिया में जाना चाहते थे। यहां तक कि उन्होंने इस सेक्टर में जाने की कोशिश भी की थी, लेकिन बाद में वह बिजनेस में ही सक्रिय हुए। खुद आनंद महिंद्रा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह शुरुआत के कई सालों तक एक फिल्ममेकर बनना चाहते थे और इससे उनके पिता को कोई परेशानी नहीं थी। उन्होंने बताया था, ‘मैंने जब पिता से कहा कि मैं फिल्ममेकर बनना चाहता हूं तो उन्होंने कहा कि अच्छी बात है और जब कहा कि मैं बिजनेस में आना चाहता हूं तो कहा कि ठीक है, आ जाओ।’
आनंद महिंद्रा ने इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में कहा था कि हमारे परिवार में ही बच्चों को अपना करियर चुनने की आजादी देने की परंपरा रही है। इसीलिए मैंने अपनी बेटियों को भी करियर चुनने की आजादी दी है और वे जो कर रही हैं, उससे मैं खुश हूं। बता दें कि आनंद महिंद्रा भले ही फिल्म मेकर नहीं बने, लेकिन आगे चलकर उन्होंने प्रोडक्शन कंपनी जरूर शुरू की। बता दें कि मुम्बई मंत्रा ने स्वतंत्र क्रिएटिव फिल्ममेकर को भारतीय सिनेमा में एक मंच प्रदान करने के रूप में स्वयं को स्थापित किया है। महिंद्रा ग्लोबल फिल्म निर्माण पुरस्कार, Sudance Film Festival में प्रतिवर्ष प्रदान किए जाते हैं।
महिंद्रा ग्रुप की फिल्म प्रोडक्शन कंपनी का नाम ‘मुंबई मंत्रा’ है। यह ग्रुप अब तक 4 फिल्मों का निर्माण कर चुका है, जिनमें दो बंगाली फिल्में शुकनो लंका और अंतहीन शामिल हैं। अंतहीन मूवी में राहुल बोस, शर्मिला टैगोर जैसे सितारे शामिल हैं। यही नहीं इस फिल्म को 4 नेशनल अवॉर्ड भी मिले हैं। इसके अलावा सुखनो लंका में मिथुन चक्रवर्ती ने भी ऐक्टिंग की है।
महिंद्रा ग्रुप के प्रोडक्शन हाउस ने ‘सॉरी भाई’ नाम से हिंदी मूवी भी बनाई थी, हालांकि यह बहुत ज्यादा चली नहीं थी। यही नहीं शेक्सपियर के नाटक पर आधारित हॉलीवुड मूवी भी महिंद्रा ग्रुप के प्रोडक्शन हाउस मुंबई मंत्रा के बैनर तले ही बनी है। आनंद महिंद्रा ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए करने से पहले फिल्म मेकिंग और फोटोग्राफी में हाथ आजमाया था। यहां तक कि कुंभ मेले पर एक फिल्म भी तैयार की थी।
गौरतलब है कि आनंद महिंद्रा ने अपनी बेटियों के महिंद्रा ग्रुप के कारोबार से न जुड़ने के सवाल पर कहा था कि यह फैमिली बिजनेस नहीं है। वे मेरी पत्नी के साथ काम करती हैं और हम महिंद्रा को फैमिली बिजनेस के तौर पर नहीं देखते। बता दें कि आनंद महिंद्रा की पत्नी अनुराधा महिंद्रा Verve मैगजीन की फाउंडर हैं। इस मैगजीन से आनंद महिंद्रा की दोनों बेटियां भी इससे जुड़ी हैं। उनकी बड़ी बेटी दिव्या महिंद्रा मैगजीन में क्रिएटिव डायरेक्टर के तौर पर काम कर रही हैं। वहीं एडिटोरियल डायरेक्टर के तौर पर छोटी बेटी आलिका महिंद्रा काम कर रही हैं।