रूस यूक्रेन युद्ध के कारण बड़ी संख्या में भारत से बाहर यूक्रेन में मेडिकल की पढाई करने वाले भारतीय छात्र प्रभावित हुए है। भारतीय छात्रों को यूक्रेन में न सिर्फ जान माल का खतरा हैं बल्कि खाने पीने के लिए भी इधर उधर भटकना पड़ रहा है। यूक्रेन में छात्रों को हो रही इस समस्या ने देश के दिग्गज उद्योगपति आनंद महिंद्रा का ध्यान अपनी तरफ खीचा है और मेडिकल छात्रों की समस्या को लेकर बड़ा निर्णय लिया।
आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि भारत में मेडिकल कॉलेजों की इतनी कमी है।’ इस ट्वीट में उन्होंने टेक महिंद्रा के एमडी और सीईओ सीपी गुरनानी को टैग करते हुए उनसे कहा ‘क्या हम महिंद्रा यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढाई करवाने वाले संस्थान की स्थापना करने पर विचार कर सकते हैं?’
आनंद महिंद्रा के द्वारा शेयर की गई न्यूज़ के मुताबिक भारत के बहार मेडिकल की पढाई करने जाने वाले छात्रों की संख्या लाखों में है। चीन में 23,000, यूक्रेन में 18,000, रूस में 16,500, फिलीपींस में 15.000, किर्गिस्तान में 10.000, जॉर्जिया में 7,500, बांग्लादेश में 5,200, कजाखस्तान में 5,200, पोलैंड में 4,000 और आर्मीनिया में 3,000 भारतीय छात्र मेडिकल की पढाई करते हैं।
इस कारण से विदेश जाते हैं छात्र: दिसंबर 2021 में लोकसभा में दिए आंकड़ों के मुताबिक देश में बैचलर ऑफ मेडिसिन बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS) की 82,120 और बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS) 27498 सीटें मौजूद है। जबकि देश में 2021 में इन सीटों पर दाखिला लेने के लिए 16 लाख उम्मेदवारों ने नीट परीक्षा दी थी। ऐसे भारत में मेडिकल में प्रवेश पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। दूसरी तरफ भारत में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की फीस कई बार करोड़ों में भी पहुंच जाती है। जबकि चीन, यूक्रेन और रूस जैसे देशों में मेडिकल की पढाई भारत से सस्ती है। यहां दाखिला पाना भी भारत के मुकाबले कई गुना आसान होता है।
महिंद्रा यूनिवर्सिटी में कम होगी फीस: आनंद महिंद्रा के ट्वीट करने के बाद एक पी. वामशिधर रेड्डी नाम से एक ट्वीटर यूजर्स ने उनके ट्वीट पर कमेंट करते हुए लिखा कि आपका विचार अच्छा है लेकिन आपको इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि आपके संस्थान की फीस अन्य संस्थानों की तरह करोड़ों में न हो। जिस पर महिंद्रा ने कहा ध्यान रखेंगे।