एयर इंडिया ने 6 दिसंबर को मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन (MoCA) द्वारा तय की गई नई किराए की लिमिट के बाद अपनी इकॉनमी टिकट की कीमतों को अपडेट करना शुरू कर दिया है। सरकार ने यह ऑर्डर तब जारी किया गया जब इंडिगो की गड़बड़ी के बीच हवाई किराए में ‘बेवजह बढ़ोतरी’ देखी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, एयर इंडिया एक्सप्रेस ने अपने बुकिंग प्लेटफॉर्म पर बदले हुए किराए के स्ट्रक्चर को पहले ही पूरी तरह से अपना लिया है। एयर इंडिया ने कहा कि वह अभी तय किराए को फेज में लागू कर रही है और उम्मीद है कि कुछ ही समय में बदलाव पूरी तरह से लागू हो जाएंगे।
एयर इंडिया ने क्या कहा?
एयर इंडिया ने X (Twitter) पर एक पोस्ट में कहा, ‘इकॉनमी क्लास के बेस किराए की लिमिट तय करने के संबंध में मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन (MoCA) के 6 दिसंबर की शाम को जारी निर्देश का पालन करते हुए, एयर इंडिया ग्रुप ने अपने रिजर्वेशन सिस्टम में नए तय किराए को तुरंत लागू करना शुरू कर दिया है।’
इसमें आगे कहा गया, ‘एयर इंडिया एक्सप्रेस ने अपने सभी सिस्टम में इसे लागू कर दिया है, जबकि एयर इंडिया धीरे-धीरे किराए की लिमिट लागू कर रहा है, जो अगले कुछ घंटों में पूरी तरह से लागू हो जाएगी। क्योंकि इस प्रोसेस में थर्ड-पार्टी सिस्टम पर निर्भरता शामिल है, इसलिए गेस्ट बुकिंग में रुकावट डाले बिना सटीकता सुनिश्चित करने के लिए इसे धीरे-धीरे लागू करना जरूरी है।’
इसमें आगे कहा गया, ‘जिन गेस्ट ने बदलाव के समय के दौरान तय लिमिट से PD/EPE बेस किराए पर एयर इंडिया की इकॉनमी क्लास की फ्लाइट बुक की होंगी, वे अंतर की रकम का रिफंड पाने के हकदार हैं।’
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MoCA ने हवाई किराए को किया रेगुलेट
6 दिसंबर के ऑर्डर में कहा गया है कि एयरलाइंस इकॉनमी क्लास टिकट के लिए सिर्फ एक तय रकम ही चार्ज कर सकती हैं। 500 किलो मीटर तक की फ्लाइट के लिए सबसे ज्यादा बेस फेयर 7500 रुपये है। वही, 500-1000 किलो मीटर के लिए 12000 रुपये, 1000-1500 किलो मीटर के लिए 15000 रुपये और 1500 किलो मीटर से ज्यादा लंबी फ्लाइट के लिए 18000 रुपये है।
ये कीमतें सिर्फ बेस फेयर के लिए हैं और इसमें यूडीएफ, पीएस या टैक्स जैसे एक्स्ट्रा चार्ज शामिल नहीं हैं। ये नियम बिजनेस क्लास टिकट या UDAN फ्लाइट पर भी लागू नहीं होते हैं।
ऑर्डर के एक हिस्से में लिखा है, “किराए की लिमिट तब तक यात्रा पर लागू रहेगी जब तक किराया स्थिर नहीं हो जाता या आगे रिव्यू नहीं हो जाता। ये किराए की लिमिट सभी तरह की बुकिंग पर लागू होगी, चाहे खरीदारी सीधे एयरलाइन की ऑफिशियल वेबसाइट से की गई हो या अलग-अलग ऑनलाइन ट्रैवल एजेंट के प्लेटफॉर्म से की गई हो। एयरलाइनें यात्रा के सभी बकेट में एयर टिकट की उपलब्धता बनाए रखेंगी और अगर जरूरत हो, तो उन सेक्टर में कैपेसिटी बढ़ाने पर विचार करेंगी जहां डिमांड में तेजी है।’
MoCA की एक प्रेस रिलीज में लिखा था, ‘मिनिस्ट्री रियल-टाइम डेटा और एयरलाइंस और ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म के साथ एक्टिव कोऑर्डिनेशन के जरिए किराए के लेवल पर करीब से नजर रखेगी।’
