सिंगापुर की आर्बिट्रेशन कोर्ट से रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की डील को रोकने का आदेश हासिल करने के बाद अमेजॉन ने अब इस पर अमल के लिए कमर कस ली है। जेफ बेजोस की लीडरशिप वाली कंपनी अब इस फैसले को लागू कराने के लिए भारतीय हाई कोर्ट का रुख कर सकती है। यदि फ्यूचर ग्रुप की ओर से आर्बिट्रेशन कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया तो अमेजॉन की ओर से ऐसा किया जा सकता है। दरअसल आर्बिट्रेशन कोर्ट ने अमेजॉन और फ्यूचर ग्रुप को अपने विवाद निपटाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। यदि दोनों पक्षों की सहमति नहीं बनती है तो भविष्य में एक लंबी कानूनी लड़ाई का दरवाजा खुल सकता है।
बता दें कि रविवार को दिए आदेश में आर्बिट्रेशन पैनल ने फ्यूचर ग्रुप की ओर से रिलायंस इंडस्ट्रीज को रिटेल बिजनेस बेचे जाने पर रोक लगा दी है। फ्यूचर ग्रुप ने पिछले दिनों 24,713 करोड़ रुपये की डील के तहत अपने रिटेल बिजनेस को रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचने का फैसला लिया था। इस डील को अमेजॉन ने फ्यूचर ग्रुप के साथ हुई 2019 में अपनी डील में तय हुए करारों का उल्लंघन माना है।
दरअसल अमेजॉन की फ्यूचर रिटेल लिमिटेड में 5 फीसदी की अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी है। फ्यूचर ग्रुप के साथ हुई डील में अमेज़ॉन ने जो करार किया था, उसमें राइट टू फर्स्ट रिफ्यूज भी शामिल है। इसके तहत फ्यूचर ग्रुप अमेजॉन की सहमति के बिना किसी अन्य प्रतिद्वंद्वी समूह को अपनी हिस्सेदारी नहीं बेच सकता।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि दिनों पक्षों को 7 दिनों का वक्त दिया गया है कि वे कार्यवाही को जारी रखना चाहते हैं या फिर आपसी सहमति से फैसला करने के पक्ष में हैं। यदि फ्यूचर ग्रुप रिलायंस के साथ हुई डील को रोक देता हो तो फिर दोनों पक्षों के बीच सहमति बनने की उम्मीद है। सूत्र ने कहा कि यदि फ्यूचर ग्रुप डील को वापस नहीं लेता है और अमेजॉन के प्रस्तावों को खारिज करता है तो फिर जेफ बेजोस की कंपनी भारतीय अदालत का रुख कर सकती है।