भारतीय रिजर्व बैंक ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस (डीएचएफएल) पर बड़ी कार्रवाई की है। इसके तहत डीएचएफएल पर डिपॉजिट स्वीकार करने से रोक लगा दी गई है। अब डीएचएफएल को बिना डिपॉजिट लेने वाली होम फाइनेंस कंपनी के रूप में अलग किया गया है।
कब का है फैसला: आपको बता दें कि आरबीआई ने यह कदम पीरामल समूह की समाधान प्रक्रिया के तहत कंपनी के अधिग्रहण की मंजूरी से पहले उठाया था। इसका खुलासा तब हुआ जब एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) की मुंबई पीठ ने आदेश दिया है। एनसीएलटी की एचपी चतुर्वेदी और रवि कुमार दुरईसामी की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि डीएचएफएल अब जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) नहीं रह गयी है। कंपनी अब बिना डिपॉजिट स्वीकार करने वाली एनबीएफसी होगी।
आदेश में पीठ ने यह बात दोहरायी कि आरबीआई ने अधिग्रहण को अपनी तरफ से मंजूरी दी है जो इस शर्त पर है कि डीएचएएफल का दर्जा डिपॉजिट स्वीकार करने वाली होम फाइनेंस कंपनी की नहीं रहेगी। यानी होम फाइनेंस कंपनी कोई जमा स्वीकार नहीं करेगी। मतलब ये कि डीएचएफएल और पीरामल कैपिटल के विलय के बाद अस्तित्व में आने वाली एक गैर-जमा राशि लेने वाली आवास वित्त कंपनी के रूप में काम करेगी।
कर्ज में डूबी कंपनी: आरबीआई ने 20 नवंबर, 2019 को कर्ज में डूबी डीएचएफएल के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था और उसकी जगह सुब्रमणि कुमार को कंपनी का प्रशासक नियुक्त किया था। कंपनी के प्रमोटर्स के फंड की हेराफेरी और 21 बैंकों और हजारों जमाकर्ताओं के 95,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज भुगतान में चूक के बाद कंपनी दिवाला प्रक्रिया में गई। कंपनी में 55,000 से अधिक खुदरा और संस्थागत निवेशकों के 5,375 करोड़ रुपये के मियादी जमा हैं।
कर्जदाताओं की समिति ने 15 जनवरी, 2021 को पीरामल समूह के 35,250 करोड़ रुपये की बोली को मंजूरी दे दी थी। एनसीएलटी ने पीरामल समूह के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
पीरामल समूह के मुखिया कौन: डीएचएफएल पर दांव लगाने वाले पीरामल समूह के मुखिया अजय पीरामल हैं। अजय पीरामल देश के बड़े कारोबारियों में गिने जाते हैं। अजय पीरामल के बेटे आनंद की शादी मुकेश अंबानी की बेटी से हुई है। मुकेश अंबानी की बेटी इशा और आनंद पीरामल की शादी करीब तीन साल पहले हुई थी। कहने का मतलब ये है कि अजय पीरामल और मुकश अंबानी रिश्ते में समधी लगेंगे।