सरकार ने क्षेत्रीय हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के टिकटों पर दो फीसद शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है। जिससे हवाई यात्रा महंगी हो जाएगी। यह प्रस्ताव राष्ट्रीय नागर विमानन नीति के संशोधित मसविदे का हिस्सा है और इसे जनवरी 2016 से लागू किया जाएगा।

यद्यपि इस अतिरिक्त शुल्क से हवाई किराए बढ़ने की चिंता है फिर भी इंडिगो और स्पाइसजेट सरीखी अग्रणी विमानन कंपनियों ने कहा है कि इस कदम से क्षेत्रीय हवाई संपर्क के लिए ढांचागत विकास में मदद मिलेगी और लागत में कमी आएगी।

बहु-प्रतीक्षित नागर विमानन नीति का मसविदा जारी करते हुए नागर विमानन मंत्रालय ने क्षेत्रीय हवाई संपर्क बढ़ाने की दिशा में कई उपायों का शुक्रवार को बाकी प्रस्ताव किया।

जिसमें टिकटों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का प्रस्ताव भी शामिल है। क्षेत्रीय संपर्क योजना के लिए सरकार ने सभी टिकटों पर दो फीसद शुल्क लगाने की योजना बनाई है।

नागर विमानन सचिव आरएन चौबे ने कहा कि सरकार को दो फीसद शुल्क से सालाना करीब 1,500 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है।

स्पाइसजेट के सीएमडी अजय सिंह ने प्रतिक्रिया जताई कि उपकर लगाए जाने से किरायों में कोई बड़ा अंतर नहीं आएगा। जबकि दो फीसद के शुल्क से क्षेत्रीय संपर्क में सुधार लाने में मदद मिलेगी।

उधर इंडिगो के अध्यक्ष आदित्य घोष ने कहा कि हवाई टिकटों पर दो फीसद शुल्क लगाने के प्रस्ताव को अगर अलग से देखा जाए तो हवाई किराए बढ़ेंगे।

साथ ही अगर इस उपकर से एकत्र किया गया धन हवाईअड्डा ढांचा में वापस लगाया जाता है तो हमें किराए में कमी आता दिखेगा।

लगातार ब्रेकिंग न्‍यूज, अपडेट्स, एनालिसिस, ब्‍लॉग पढ़ने के लिए आप हमारा फेसबुक पेज लाइक करें, गूगल प्लस पर हमसे जुड़ें  और ट्विटर पर भी हमें फॉलो करें