एअर इंडिया (Air India), एअर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) को मार्च 2025 में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में कुल मिलाकर 9,568.4 करोड़ रुपये का कर-पूर्व घाटा (Pre-Tax Loss) हुआ। गुरुवार को नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने लोकसभा में पेश किए गए अनंतिम आंकड़ों में यह जानकारी दी।

पिछले वित्त वर्ष में, अकासा एयर (Akasa Air) ने 1,983.4 करोड़ रुपये और स्पाइसजेट (SpiceJet) ने 58.1 करोड़ रुपये का कर-पूर्व घाटा दर्ज किया, जबकि इंडिगो ने 7,587.5 करोड़ रुपये का कर-पूर्व लाभ दर्ज किया। ये अनंतिम आंकड़े हैं।

टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया को कर-पूर्व 3,890.2 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जबकि इसकी शाखा एअर इंडिया एक्सप्रेस ने 2024-25 में 5,678.2 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया।

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टाटा समूह ने किया था कंपनी का अधिग्रहण

घाटे में चल रही एअर इंडिया और मुनाफे में चल रही एअर इंडिया एक्सप्रेस को जनवरी 2022 में टाटा समूह ने अधिग्रहित कर लिया था। आंकड़ों के अनुसार, एअर इंडिया का कर्ज 26,879.6 करोड़ रुपये था, जबकि इंडिगो का कर्ज 67,088.4 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

आंकड़ों के अनुसार, एअर इंडिया एक्सप्रेस 617.5 करोड़ रुपये था। वही, अकासा एयर 78.5 करोड़ रुपये और स्पाइसजेट का कर्ज 886 करोड़ रुपये था।

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नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने यह भी स्पष्ट किया है कि साल 1994 में एयर कॉर्पोरेशन एक्ट के निरस्त होने के बाद भारतीय विमानन क्षेत्र को पूरी तरह से विनियम-मुक्त (Regulation-Free) कर दिया गया है। अब एयरलाइंस अपने वित्तीय और परिचालन निर्णय स्वतंत्र रूप से व्यावसायिक आधार पर लेती हैं, जिसमें संसाधनों का प्रबंधन और ऋण पुनर्गठन भी शामिल है।

भाषा के इनपुट के साथ