दो सीमेंट कंपनियों से डील होने के बाद अब अडानी ग्रुप हेल्थ केयर कारोबार में उतरने की तैयारी कर रहा है। इसने एक नई कंपनी की स्थापना भी कर दी है। अडानी एंटरप्राइजेज (एईएल) अडानी हेल्थ वेंचर्स (AHVL) के तहत स्वास्थ्य संबंधी कारोबार करेगी। इस कंपनी के तहत स्वास्थ्य से संबंधित सभी उत्पादों की बिक्री की जाएगी।
AHVL के पास 100,000 रुपये (1 लाख रुपये) की प्रारंभिक अधिकृत और चुकता शेयर पूंजी होगी। कंपनी के तहत क्लिनिकल सुविधाएं, स्वास्थ्य सहायता, स्वास्थ्य-तकनीक आधारित सुविधाओं और अनुसंधान केंद्रों की स्थापना की जाएगी। अडानी एंटरप्राइजेज ने एक नियामक अपडेट में कहा कि फर्म की अन्य संबद्ध और आकस्मिक गतिविधियों में भी उपस्थिति होगी। हालाकि इसकी स्वास्थ्य सेवा योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी गई है।
गौरतलब है कि अडानी फर्म ने हाल ही में सीमेंट सेक्टर में कदम रखा है, जिसने स्विट्ज़रलैंड स्थित होल्सिम ग्रुप की भारतीय सहायक कंपनियों एसीसी और अंबुजा का अधिग्रहण किया है। रविवार को अडानी ग्रुप ने Ambuja सीमेंट्स और ACC में लगभग 10.5 अरब डॉलर में होल्सिम की पूरी हिस्सेदारी हासिल की है।
इस कंपनी की 49 फीसद हिस्सेदारी
वहीं 13 मई को एईएल इकाई, MMG मीडिया नेटवर्क्स ने राघव बहल-क्यूरेटेड डिजिटल बिजनेस न्यूज प्लेटफॉर्म क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया (QBM) में एक अज्ञात राशि के लिए 49% हिस्सेदारी खरीदी है। इसके बाद अब हेल्थ केयर में कदम रख रही है।
क्यों हेल्थ केयर कारोबार में रखना चाहती है कदम
नीति आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का स्वास्थ्य सेवा उद्योग 2016 से लगभग 22 फीसदी की वार्षिक दर से बढ़ रहा है और 2022 में इसके 372 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे में हेल्थ सेक्टर में लाभ होने का अधिक चांस है। वहीं राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के अनुमान के अनुसार, स्वास्थ्य सेवा 2017-22 के बीच भारत में 2.7 मिलियन अतिरिक्त नौकरियां पैदा कर सकती है।
एक साल में 17 बिलियन डॉलर के 32 कंपनियों का अधिग्रहण
ब्लूमबर्ग के आंकडों के अनुसार, अडानी ग्रुप तेजी से कंपनियों का अधिग्रहण कर रहा है। पिछले एक साल में लगभग 17 बिलियन डॉलर मूल्य के 32 कंपनियों का अधिग्रहण किए हैं।