जापान का सॉफ्टबैंक समूह फ्लिपकार्ट में बड़े निवेश की तैयारी में है। इससे पहले अडानी समूह ने भी फ्लिपकार्ट के साथ अहम समझौता किया था।
कई निवेशकों से हो रही बात: फ्लिपकार्ट इस समय कई निवेशकों से बात कर रही है। इसमें सॉफ्टबैंक भी है। आपको बता दें कि फ्लिपकार्ट ऑनलाइन खुदरा बाजार मंच चलाती है और इसका स्वामित्व अमेरिकी कंपनी वालमार्ट के पास है। सॉफ्टबैंक तीन साल पहले फ्लिपकार्ट में अपने शेयर बेच कर निकल गया था। हालांकि, सॉफ्टबैंक समूह, फ्लिपकार्ट में एक बार फिर से 50 से 60 करोड़ डॉलर के बीच निवेश कर सकता है। भारतीय रुपये के हिसाब से यह निवेश 3,652 करोड़ रुपये से 4,382 करोड़ रुपये के बीच होगा।
ये भी कर सकते हैं निवेश: बताया जा रहा है कि इस दौर में सिंगापुर सरकार का निवेश कोष जीआईसी और कनाडा का पेंशन कोष सीपीपीआईबी भी निवेश कर सकते हैं। निवेश के लिए इस समय कंपनी का मूल्यांकन 30-32 अरब डॉलर का हो सकता है। हालांकि, निवेश को लेकर किसी भी कंपनी की ओर से आधिकारिक तौर पर किसी ने कुछ नहीं कहा है।
फ्लिपकार्ट-अडानी समूह में क्या हुई है डील: बीते अप्रैल महीने में वालमार्ट के स्वामित्व वाली ई कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट और अडानी समूह के बीच एक कॉमर्शियल डील हुई है। इस डील के तहत 2500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। अडानी लॉजिस्टिक्स लिमिटेड मुंबई में अपने आगामी लॉजिस्टिक हब में 5.34 लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल वाले गोदाम का निर्माण करेगी। (ये पढ़ें-मुकेश अंबानी से ज्यादा है इन दो भाइयों की सैलरी, रिलायंस में मिली है बड़ी जिम्मेदारी)
इसे फ्लिपकार्ट को पश्चिमी भारत में ई-कॉमर्स की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पट्टे पर दिया जाएगा। यह केंद्र अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा और इसके 2022 की तीसरी तिमाही में चालू होने की उम्मीद है। इस केंद्र में बिक्री के लिए उपलब्ध एक करोड़ यूनिट्स को रखने की क्षमता होगी।
मार्केट में बढ़ेगी टेंशन: फ्लिपकार्ट की ओर से लगातार किए जा रहे डील ई-कॉमर्स मार्केट के लिए नई चुनौतियां लेकर आएगा। इस वजह से अमेरिका की कंपनी अमेजन और रिलायंस की रिटेल समेत अन्य प्रतिद्वंदियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।